UP में प्रियंका गांधी का चुनावी आगाज, कांग्रेस को मजबूत करने की कोशिश
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर चुनाव अभियान का आगाज किया। इस बीच प्रियंका की कोशिश होगी कि 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को पूरी तरीके से मजबूत किया जाए, ताकि जनता का साथ कांग्रेस को मिल सके।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी रविवार को वाराणसी में किसान न्याय रैली में शामिल हुईं। प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में कांग्रेस की किसान न्याय रैली ऐसे वक्त में हो रही है, जब लखीमपुर खीरी कांड का मुद्दा सुर्खियों में है। प्रियंका किसानों और इन्हीं मुद्दों के जरिए उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश करेंगी।
प्रियंका अपनी इस रैली के दौरान बनारस के 6 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरेंगी। इसमें पिंडरा विधानसभा क्षेत्र से शुरुआत कर शिवपुर उत्तरी दक्षिणी कैंट होते हुए फिर रोहनिया पहुंचेंगी। अपने इस चुनावी अभियान के दौरान प्रियंका की कोशिश होगी कि 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को पूरी तरीके से मजबूत किया जाए।
अपने इस चुनावी अभियान के जरिए प्रियंका प्रदेश में कांग्रेस की जीत की संभावाना तलाश रही हैं, उनकी कोशिश होगी कि जनता का साथ कांग्रेस को मिल जाए, क्योंकि प्रियंका लोगों से कनेक्ट भी करती हैं, लिहाजा इसकी संभावना भी नजर आती है। प्रियंका गांधी के इस चुनावी अभियान में उनके साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और यूपी चुनाव में पार्टी के वरिष्ठ पर्यवेक्षक भूपेश बघेल भी साथ हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मजबूत चुनौती पेश करने की कोशिश कर रही कांग्रेस की रविवार को वाराणसी में हुई 'किसान न्याय रैली' का आगाज मंत्रोचार, शंखनाद, हर-हर महादेव के साथ कुरान की आयात और गुरुवाणी से हुआ। वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़े पूर्व मंत्री अजय राय समेत कांग्रेस की इस रैली में शामिल कई नेताओं ने हर-हर महादेव का उद्घोष के साथ आपने भाषण का समापन किया।
इस रैली पर लखीमपुर खीरी की घटना की स्पष्ट छाप देखने को मिली। लगभग सभी वक्ताओं ने इस घटना का उल्लेख किया और मुख्य मंच के सामने एक बड़ा बैनर लगाया था जिस पर 'अजय कुमार मिश्रा को बर्खास्त करो' लिखा हुआ था। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए जाते समय हिरासत में लिए जाने और करीब दो दिनों तक पुलिस की अभिरक्षा में रहने के बाद प्रियंका की उत्तर प्रदेश में यह पहली जनसभा थी।