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  4. Budget 2022-23: Focus on development not on elections, no relief to common man
Written By Author विकास सिंह
Last Updated : मंगलवार, 1 फ़रवरी 2022 (15:52 IST)

Budget opinion : बजट में मिडिल क्लास की बात न कर वित्तमंत्री ने बड़ा रिस्क उठाया,भारत में दो करेंसी के नए दौर का आगाज

चुनाव को अनदेखा कर बजट में विकास पर फोकस, आम आदमी के साथ सरकारी कर्मचारी भी निराशा

Budget opinion : बजट में मिडिल क्लास की बात न कर वित्तमंत्री ने बड़ा रिस्क उठाया,भारत में दो करेंसी के नए दौर का आगाज - Budget 2022-23: Focus on development not on elections, no relief to common man
कोरोना से जूझ रही देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और देश में विकास की गति का पहिया और तेज घुमाने के लिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश कर दिया। वहीं बजट में वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं करके आम आदमी को निराश किया है। बजट को लेकर अर्थशास्त्री और टैक्स के जानकार क्या सोचते है इसको लेकर ‘वेबदुनिया’ ने अर्थशास्त्री आदित्य मनियां जैन और चार्टर्ड अकाउंटेंट नवनीत गर्ग से बजट को समझने की कोशिश की। 
 
चुनाव को अनदेखा कर विकास पर फोकस बजट-अर्थशास्त्री आदित्य मनियां जैन कहते हैं कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का बजट  भाषण विकास को बढ़ावा देने वाला है। सरकार ने पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों को अनदेखा कर भारत की ग्रोथ पर फोकस किया है, जो एक अच्छी बात है। वहीं नेशनल इकॉनामी की ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए इसे एक संतुलित बजट कहा जा सकता है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि वित्त मंत्री का यह एक संभाला हुआ बजट पेश किया है। सरकार चाहती है कि आने वाले 25 सालों में दुनिया की बड़ी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां भारत आए और सरकार ने इसके लिए इन्फॉस्ट्रक्चर पर बड़ा खर्च करना होगा। 
 
वहीं आदित्य मानियां कहते हैं कि आम आदमी को वित्त मंत्री के बजट भाषण से निराशा हुई है। सरकारी कर्मचारी और अन्य लोगों को राहत मिलनी चाहिए। मोदी सरकार ने बजट में आम आदमी की बात नहीं करके बड़ा रिस्क उठाया है। 
 
बजट से भारत में 2 करेंसी के दौर का आगाज- चार्टर्ड अकाउंटेंट नवनीत गर्ग इसे बैलेंस बजट बताते हुए कहते हैं कि आम आदमी को फायदा देने की बजाए इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किया गया है। वहीं बजट की सबसे बड़ी बात है  क्रिप्टो करेंसी को लेकर अब तक जो असमंजस की स्थिति बनी हुई थी, वह अब बजट से दूर हुई है। सरकार ने साफ कर दिया है कि भारत में जिन लोगों के पास क्रिप्टो करेंसी है उस पर अब 30 फीसदी का टैक्स लगेगा।

वहीं बजट में रिजर्व बैंक के डिजिटल करेंसी जारी किए जाने की बात कहीं गई है यानि अब भारत में दो प्रकार की करेंसी होगी एक वो जो वर्तमान में चल रही है दूसरा जो डिजिटल करेंसी के रूप में जारी होगी जोकि एक प्रकार की क्रिप्टो करेंसी होगी। भारत दो करेंसी का नया दौर शुरु होगा। 
 
एक महत्वपूर्ण बात यह है कि बजट भाषण में यह साफ नहीं है कि क्रिप्टो करेंसी लीगल टेंडर होगी या नहीं। यानि क्रिप्टो करेसी के उपयोग से खरीददारी की जा सकेगी। अगर क्रिप्टो करेंसी को लीगल टेंडर किया जा जाता है तो इकॉनामी में बूस्ट आएगा। वह वित्तमंत्री के बजट भाषणा को 10/8 नंबर देते है। बजट में पूरा फोकस आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने के लिए किया गया है।