ग़ाज़ा में नई भीषण तकलीफ़ों के बीच सुरक्षा बदलाव की सख़्त ज़रूरत : UNICEF
इसराइल द्वारा फ़लस्तीनी लोगों को बार-बार बेदख़ली के आदेश दिए जाने से लोगों को भीषण तकलीफ़ों का सामना करना पड़ रहा है।
संयुक्त राष्ट्र के बाल कल्याण संगठन – UNICEF ने ग़ाज़ा में सुरक्षा स्थिति में तुरन्त बेहतरी लाए जाने की अपील की है, जहां ख़तरनाक संचालन परिस्थितियों और मानवीय सहायता कर्मियों पर हो रहे हमलों के कारण ज़रूरतमन्द समुदायों तक सहायता सामग्री नहीं पहुंच पा रही है।
यूनीसेफ़ की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसैल ने बुधवार को एक वक्तव्य में कहा है कि स्पष्ट शब्दों में कहें तो ग़ाज़ा पट्टी में हमारे पास मानवीय सहायता कार्रवाई के लिए अनुकूल हालात मौजूद नहीं हैं।
यूनीसेफ़ की प्रमुख ने यह वक्तव्य इस एजेंसी के एक वाहन पर हुए हमले और इसराइली सेना द्वारा ख़ान यूनिस में फ़लस्तीनी लोगों को एक बार फिर बेदख़ली आदेश जारी किए जाने के सन्दर्भ में जारी किया गया है।
बच्चों पर स्थाई घाव : कैथरीन रसैल ने वक्तव्य की शुरुआत ग़ाज़ा में भीषण स्थिति का ज़िक्र करते हुए कही है, जहां, हर बीतते सप्ताह के साथ ही परिवारों को नई भीषण तकलीफ़ों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा है कि स्कूलों और विस्थापितों को आश्रय देने वाली इमारतों पर हो रहे भीषण हमलों में सैकड़ों फ़लस्तीनी जन मारे जा रहे हैं और पहले से ही भारी बोझ का सामना कर रहे अस्पतालों पर बेतहाशा बोझ डाल रहे हैं।
यूनीसेफ़ प्रमुख ने कहा है कि हमने ऐसे बच्चे देखे हैं, जिन्होंने पिछली बार मिले घावों जब सह लिया तो उन्हें फिर से नए घाव दे दिए गए। डॉक्टर व नर्स, संसाधनों के अभाव में लोगों की ज़िन्दगियां बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हज़ारों लड़के व लड़कियां बीमार, भूखे, घायल हैं और अपने परिवारों से बिछड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा कि हिंसा और अभाव, बच्चों के जर्जर शरीरों और दिमाग़ों पर स्थाई घाव छोड़ रहे हैं। और अब जबकि स्वच्छता और साफ़-सफ़ाई की व्यवस्था बिल्कुल बिखर गई है, पोलियो वायरस भी ख़तरों की सूची में शामिल हो गया है, विशेष रूप से उन हज़ारों बच्चों के लिए जिन्हें पोलियो से बचाने वाली ख़ुराक नहीं पिलाई गई है।
Edited By: Navin Rangiyal