Tokyo Olympics: लगातार दूसरी जीत के साथ नॉकआउट में पहुंची पीवी सिंधु, जगी पदक की आस
टोक्यो: गत विश्व चैंपियन भारत की पीवी सिंधु ने बुधवार को यहां ग्रुप जे में हांगकांग की एनवाई चियुंग को हराकर टोक्यो ओलंपिक की महिला एकल बैडमिंटन स्पर्धा के प्री क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया।
रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता सिंधु ने दुनिया की 34वें नंबर की खिलाड़ी चियुंग को 35 मिनट चले मुकाबले में 21-9 21-16 से हराकर ग्रुप में शीर्ष स्थान हासिल किया। सिंधु की चियुंग के खिलाफ छह मुकाबलों में यह छठी जीत है।
दुनिया की सातवें नंबर की खिलाड़ी सिंधु प्री क्वार्टर फाइनल में ग्रुप आई में शीर्ष पर रहने वाली डेनमार्क की दुनिया की 12वें नंबर की खिलाड़ी मिया ब्लिचफेल्ट से भिड़ेंगी। सिंधु का ब्लिचफेल्ट के खिलाफ जीत-हार का रिकॉर्ड 4-1 है। डेनमार्क की खिलाड़ी ने सिंधु के खिलाफ एकमात्र जीत इस साल थाईलैंड ओपन में दर्ज की थी।
हैदराबाद की छठी वरीय खिलाड़ी सिंधु ने अपने पहले मैच में इजराइल की सेनिया पोलिकार्पोवा को हराया था।
सिंधु ने अपने विविध शॉट और गति में परिवर्तन करने की काबिलियत से चियुंग को पूरे कोर्ट पर दौड़ाकर परेशान किया।
चियुंग ने अपने क्रॉस कोर्ट रिटर्न ने कुछ अंक हासिल किए लेकिन हांगकांग की खिलाड़ी ने काफी सहज गलतियां की जिससे वह सिंधु पर दबाव बनाने में विफल रही।
सिंधु ने अच्छी शुरुआत करते हुए स्कोर 6-2 किया और फिर 10-3 की बढ़त हासिल की। वह ब्रेक के समय 11-5 से आगे थी। ब्रेक के बाद सिंधु ने दबदबा बनाते हुए अपनी बढ़त को 20-9 किया और चियुंग के नेट पर शॉट मारने के साथ पहला गेम जीत लिया।
चियुंग ने दूसरे गेम में बेहतर खेल दिखाया। उन्होंने सिंधु को रैली में उलझाया और दोनों खिलाड़ी 8-8 से बराबर चल रही थी।
सिंधु ने इस दौरान चियुंग के शॉट को परखने में भी गलती की और फिर बाहर शॉट मारकर ब्रेक के समय हांगकांग की खिलाड़ी को एक अंक की बढ़त दे दी।
चियुंग ने दबाव डालने का प्रयास किया लेकिन सिंधु ने दमदार स्मैश और बेहतर शॉट के साथ 19-14 की बढ़त बना ली। सिंधु को छह मैच प्वाइंट मिले। उन्होंने एक शॉट बाहर मारा और एक नेट पर उलझाया लेकिन फिर स्मैश के साथ मैच जीत लिया।
बी साई प्रणीत ग्रुप डी के अपने दूसरे और अंतिम पुरुष एकल मैच में आज नीदरलैंड के एम कालजोव से भिड़ेंगे।
मंगलवार को चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी की पुरुष युगल जोड़ी ग्रुप ए में बेन लेन और सीन वैंडी की इंग्लैंड की जोड़ी को हराकर तीन में से दो मुकाबले जीतने के बावजूद क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रही थी।