टोक्यो की तेज धूप से दूसरे वरीयता प्राप्त टेनिस खिलाड़ी के सूखे प्राण, रेफ्री से कहा- 'मर गया तो तुम होगे जिम्मेदार'
टोक्यो: भारतीय टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल को दूसरे दौर में हराने वाले रूस ओलंपिक समिति (आरओसी) के डेनियल मेदवेदेव ने इटली के फैबियो फोगनिनी के खिलाफ मैच के दौरान चेयर अंपायर को कहा कि अगर वह मर गए तो क्या वह जिम्मेदार होंगे। दरअसल पुरुष एकल टेनिस में फोगनिनी के खिलाफ जीत के दौरान वह तेज गर्मी और उमस के कारण जूझते नजर आए।
गोल्ड के दावेदार माने जा रहे मेदवेदेव ने मुकाबले के दौरान दो मेडिकल टाइम आउट लिए और एक बार उनके ट्रेनर को कोर्ट पर आना पड़ा। वह अंकों के बीच में अपने रैकेट के सहारे आराम करते दिखे। आरियाके टेनिस पार्क पर बुधवार को उमस और गर्मी से मेदवेदेव को जूझते देखकर चेयर अंपायर कार्लोस रामोस ने उनसे पूछा कि क्या वह खेलना जारी रखेंगे, जिस पर उन्होंने कहा कि मैं मैच खत्म कर सकता हूं, लेकिन मैं मर सकता हूं। अगर मैं मर गया तो क्या आप जिम्मेदार होंगे?
शाम के मैच की गुजारिश ठुकराई
दूसरे वरीय मेदवेदेव हालांकि फोगनिनी को 6-2, 3-6, 6-2 से हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने में सफल रहे। मेदवेदेव को इस मुकाबले से उबरने में समय लगेगा और सवाल उठ रहे कि आखिर आयोजकों ने मेदवेदेव और शीर्ष वरीय नोवाक जोकोविच जैसे खिलाड़ियों के सभी टेनिस मैच शाम को कराने के आग्रह को क्यों नहीं माना।
सिर्फ 10 मिनट मिली कोर्ट छोड़ने की इजाजत
सुबह बारिश के विलंब के बाद तापमान 31 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, लेकिन गर्मी के इंडेक्स के अनुसार 37 डिग्री सेल्सियस जितनी गर्मी महसूस हो रही थी। मेदवेदेव और फोगनिनी को दूसरे और तीसरे सेट के बीच में 10 मिनट के लिए कोर्ट छोड़ने की इजाजत दी गई थी। बेहद तेज गर्मी का नियम लागू करके ऐसा किया गया। मेदवेदेव पदक दौर में जगह बनाने के लिए स्पेन के छठे वरीय पाब्लो करेनो बुस्ता से भिड़ेंगे, जिन्होंने जर्मनी के डोमीनिक कोएफर को 7-6, 6-3 से हराया।(भाषा)