RAW के पूर्व प्रमुख की नसीहत, शर्तों के आधार पर ही भारत तालिबान से रखे रिश्ता
अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान को लेकर रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के पूर्व प्रमुख विक्रम सूद ने शुक्रवार को कहा कि भारत को तालिबान के साथ शर्तों पर रिश्ता रखने की बात कही है। उन्होंने कहा कि भारत को तालिबान के साथ किसी भी तरह के रिश्ते तभी रखने चाहिए, जब कि तालिबान देश को निशाना बनाने वाले जिहादियों पर एक समझौता करे कि वो भारत को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। भारत तालिबान को समझने में जल्दबाजी या गलती नहीं करे।
सूद ने 2000 और 2003 के बीच भारत की बाहरी खुफिया एजेंसी का नेतृत्व किया है। इसके अलावा 9/11 के हमलों और अफगानिस्तान पर अमेरिकी आक्रमण से उत्पन्न स्थितियों से निपटने में भी उनकी बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि जब 'तालिबान ने कहा है कि वे कश्मीर सहित सभी जगह के मुसलमानों की रक्षा करेंगे, तो भारत फिर क्यों उनसे कोई डील करे?'
उन्होंने को लेकर कहा कि पाकिस्तान की रणनीति से भारत को घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि पाकिस्तान के उरी और पुलवामा हमलों का भारत ने सर्जिकल और बालाकोट स्ट्राइक के माध्यम से कड़ा जवाब दिया है कि जो पाकिस्तान हमे देगा, हम उसे वो वापस लौटाएंगे।