आखिराकर जिसकी उम्मीद जताई जा रही थी वह ही हुआ। चेतन शर्मा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय चयन समिति ने आज यहां न्यूजीलैंड के खिलाफ आगामी घरेलू टी-20 सीरीज के लिए ज्यादातर सीनियर्स को आराम दिया और उनकी जगह युवा चहरों को मौका मिला।
वरिष्ठ खिलाड़ी कई समय से बायो बबल की थकान का मुद्दा बना रहे थे और उनकी यह मांग चयनकर्ताओं ने सुनी जो अंतिम दल में दिखी भी। खबरें तो यह भी आ रही थी कि रोहित शर्मा भी इस सीरीज से आराम मांग सकते हैं और इस स्थिती में केएल राहुल को कप्तानी सौंपी जा सकती है लेकिन अंत में यह अफवाह साबित हुई।
सिर्फ रविचंद्रन अश्विन इकलौते ऐसे खिलाड़ी है जो काफी सीनियर हैं और न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज में शामिल हैं। टी-20 विश्वकप में रविचंद्रन अश्विन को देर से मौका मिला लेकिन उन्होंने 3 मैचों में सिर्फ 63 रन देकर और 6 विकेट लेकर अपनी महत्ता बताई।
उनके अलावा सिर्फ रोहित शर्मा जिन्होंने कल नामीबिया के खिलाफ 3000 टी-20 अंतरराष्ट्रीय रन पूरे किए टीम में शामिल है जो कि होना भी था क्योंकि वह कप्तान है। उनके बाद तो बस केएल राहुल और विकेटकीपर ऋषभ पंत ही इस दल में सीनियर दिखाई पड़ते हैं।
अब देख लेते हैं उन सीनियर्स की लिस्ट जो इस दल में शामिल नहीं हुए।
सीनियर्स जिनको मिला आराम
विराट कोहली- भारत की टी-20 टीम की कप्तानी से इस्तीफा दे चुके विराट कोहली ने पहले ही टी-20 सीरीज से आराम मांगा था।बीसीसीआई के सूत्रों ने खुलासा किया है कि विराट कोहली ने न केवल टी-20, बल्कि टेस्ट सीरीज से भी आराम मांगा है, हालांकि वह दूसरे और आखिरी मैच के लिए वापसी कर सकते हैं।
टी-20 विश्वकप में पाकिस्तान के खिलाफ बनाए 57 रनों को छोड़ दिया जाए तो वह कुछ खास कमाल नहीं कर सके। अफगानिस्तान और नामीबिया के खिलाफ वह बल्लेबाजी के लिए भी नहीं उतरे। कुल मिलाकर यह टी-20 विश्वकप बल्लेबाज और कप्तान के तौर पर कोहली के लिए निराशाजनक रहा।
जसप्रीत बुमराह- जसप्रीत बुमराह ने सबसे पहले भारत के विकटों का खाता इस विश्वकप में खोला और न्यूजीलैंड के दोनों सलामी बल्लेबाजों को चलता किया। जसप्रीत बुमराह स्कॉटलैंड से हुए मैच में भारत के सबसे सफल टी-20 गेंदबाज बने।
इस टी-20 विश्वकप में वह 5 मैचों में कुल 95 रन देकर 7 विकेट ले पाए। उन्होंने रन तो कम दिए लेकिन अपनी छवि के अनूरूप गेंदबाजी नहीं कर पाए जिस कारण भारत सेमीफाइनल तक नहीं पहुंच सका।
मोहम्मद शमी- भारतीय टीम की ओर से जिस गेंदबाज का सबसे खराब प्रदर्शन रहा वह है मोहम्मद शमी। पहले और अंतिम मैच में शमी काफी महंगे साबित हुए। 140 रन लुटाकर शमी सिर्फ 6 विकेट ले पाए। इस टी-20 सीरीज के लिए उनको आराम दिया गया।
हार्दिक पांड्या- इस टी-20 विश्वकप में शायद ही किसी भारतीय खिलाड़ी की उतनी चर्चा हुई हो जितनी हार्दिक पांड्या की हुई है। हार्दिक पांड्या की फॉर्म से लेकर फिटनेस तक सब सवालों के घेरे में थी फिर भी विराट कोहली ने उनको जगह दी।
जब तक हार्दिक गेंदबाजी के लिए फिट हो पाते तब तक बहुत देर हो चुकी थी न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने गेंदबाजी की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अफगानिस्तान के खिलाफ जरुर उन्होंने बल्ले से कुछ अच्छे हाथ दिखाए। उन्हें इस बार न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 टीम में मौका ना देकर चयनकर्ताओं ने खतरे की घंटी बजा दी है।
रविंद्र जड़ेजा- पिछले मैच के मैन ऑफ द मैच और लगातार दो टी-20 मैचों में विकेट चटकाने वाले रविंद्र जड़ेजा को भी इस बार आराम दिया गया है। जड़ेजा ने काफी देर से रंग दिखाना शुरु किया। इस ऑलराउंडर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ अंत में कुछ अच्छे शॉट्स लगाकर टीम को 109 रनों तक पहुंचाया।
वहीं गेंदबाजी की बात करें तो 5 मैचों में 101 रन देकर जड़ेजा ने 7 विकेट लिए। इनमें से सभी विकेट अफगानिस्तान, स्कॉटलैंड और नामीबिया के खिलाफ लिए गए।
(वेबदुनिया डेस्क)