दोहा। भारत विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अपने दो सबसे बड़े स्टार खिलाड़ियों चोटिल नीरज चोपड़ा और हिमा दास के बिना उतरेगा और ऐसे में पदक की उम्मीद तो दूर किसी खिलाड़ी का फाइनल में जगह बनाना भी बड़ी उपलब्धि होगी। विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप यहां शुक्रवार से शुरू होगी।
भाला फेंक के दिग्गज खिलाड़ी नीरज 27 सितंबर से 6 अक्टूबर तक होने वाली इस प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले रहे हैं क्योंकि मई में कोहनी के आपरेशन के बाद वह अभी हल्की ट्रेनिंग कर रहे हैं।
एक अन्य दावेदार हिमा ने यूरोप में लगभग 4 महीने ट्रेनिंग की और इस दौरान कुछ छोटे स्तर की रेस भी जीती लेकिन शुरुआती टीम में जगह बनाने के बाद वह कमर की चोट के कारण प्रतियोगिता से हट गईं। हिमा के चोट के प्रबंधन के लिए भारतीय एथलेटिक्स महासंघ को काफी आलोचना का सामना भी करना पड़ा था।
विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करने वाले नीरज अगर फिट होते तो भारत को उनके पदक की उम्मीद थी लेकिन हिमा पिछले दो महीने में अपनी पसंदीदा स्पर्धा 400 मीटर में 50.79 सेकेंड (पिछले साल एशियाई खेलों में) के अपने निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तक भी नहीं पहुंच सकी जिससे उनसे पदक की उम्मीद नहीं थी।
यह भविष्यवाणी करना मुश्किल है कि भारतीय खिलाड़यों में कौन फाइनल में जगह बना पाएगा। एएफआई को हालांकि तीन चार गुणा 400 मीटर रिले टीमों, विशेषकर मिश्रित चार गुणा 400 मीटर रिले टीम से उम्मीद है। मिश्रित चार गुणा 400 मीटर रिले स्पर्धा को पहली बार विश्व चैंपियनशिप में जगह मिली है।
पदक की उम्मीद करना हालांकि बेमानी होगा और अंजू बाबी जार्ज का 2003 विश्व चैंपियनशिप में लंबी कूद में जीता कांस्य पदक एकमात्र सफलता बना हुआ है। लंदन में 2017 में पिछली प्रतियोगिता में सिर्फ एक भारतीय फाइनल (पुरुष भाला फेंक में देविंदर सिंह कांग) में जगह बनाने में सफल रहा था जबकि पैदल चाल के खिलाड़ियों और मैराथन धावकों ने निराश किया था।
भारत की 27 सदस्यीय टीम में से 13 खिलाड़ियों को रिले स्पर्धाओं के लिए चुना गया है। धारून अय्यासामी हालांकि व्यक्तिगत 400 मीटर बाधा दौड़ में भी चुनौती पेश करेंगे।
विश्व चैंपियनशिप का क्वालीफाइंग स्तर हासिल करने के बावजूद राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक मोहम्मद अनस को व्यक्तिगत 400 मीटर स्पर्धा में नहीं उतारा जाएगा जिससे कि पुरुष चार गुणा 400 मीटर रिले टीम के फाइनल में जगह बनाने की संभावनाओं में इजाफा किया जा सके।
सभी रिले स्पर्धाओं में शीर्ष 8 में रहने वाली टीमें 2020 टोक्यिों ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करेंगी और भारत की नजरें संभवत: इसी पर टिकी होंगी। महिला चार गुणा 400 मीटर और मिश्रित चार गुणा 400 मीटर रिले से हिमा के हटने के बावजूद उप मुख्य राष्ट्रीय कोच राधाकृष्णन नायर का मानना है कि देश मिश्रित चार गुणा 400 मीटर रिले के फाइनल में जगह बना सकता है।
नायर ने कहा, अधिक अंतर पैदा नहीं होगा (हिमा के हटने से)। हमें सकारात्मक रहना होगा और मुझे अब भी लगता है कि हम मिश्रित चार गुणा 400 मीटर रिले के फाइनल में जगह बना सकते हैं।
अन्य खिलाड़ियों में लंबी कूद के युवा खिलाड़ी एम श्रीशंकर, धावक जिनसन जानसन और गोला फेंक के तेजिंदर पाल सिंह तूर को अगर फाइनल में जगह बनानी है तो अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से बेहतर करना होगा।
शुक्रवार को प्रतियोगिता के पहले दिन श्रीशंकर पुरुष लंबी कूद के क्वालीफिकेशन राउंड में भारत के अभियान की शुरुआत करेंगे। स्वत: क्वालीफिकेशन स्तर 8.15 मीटर रखा गया है लेकिन इससे कम दूरी तय करने वाले खिलाड़ी भी तब तक फाइनल में जगह बना सकते हैं जब तक 12 फाइनलिस्ट नहीं मिल जाते।
केरल के 20 साल के श्रीशंकर का मौजूदा वर्ष में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 8.00 मीटर का है और क्वालीफिकेशन दौर में वह इस प्रदर्शन से 27 खिलाड़ियों में 26वें स्थान पर हैं।
धारून और एमपी जबीर इसके बाद पुरुष 400 मीटर बाधा दौड़ की हीट्स में हिस्सा लेंगे। सत्र के सर्वश्रेष्ठ 48.80 सेकेंड के प्रदर्शन के साथ धारून के पांचवीं हीट से सेमीफाइनल में जगह बनाने की संभावना जबीर से बेहतर है जो पहली हीट में हिस्सा लेंगे। प्रत्येक पांच हीट में शीर्ष पर रहने वाले चार धावकों के बाद सबसे तेज समय निकालने वाले चार धावकों को सेमीफाइनल में जगह मिलेगी।