'इच्छा हो रही है छोड़ दूं कुश्ती', लेख में विनेश WFI पर बरसी, किए बड़े खुलासे
जिंदगी भी कितनी तेज करवटें लेती है। भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को ही देख लीजिए। टोक्यो ओलंपिक में जाने से पहले जो भारत की पदक लाने वाली सबसे बड़ी उम्मीदवारों में से एक मानी जा रही थी।
लेकिन कहानी किसी और ही मोड़ पर चली गई। विश्व की नंबर 1 पहलवान विनेश फोगाट क्वार्टर फाइनल में हार बैठी। मैडल तो खैर हाथ से गया ही सही लेकिन इसके बाद चीजें ज्यादा बुरी हुई।
रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने हाल ही में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को निलंबित कर दिया था। इसके बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था।
विनेश फोगाट ने आज एक अंग्रेजी अखबार के माध्यम से पहली बार इस मामले पर अपना बयान दिया है।
विनेश फोगाट ने इस लेख में लिखा कि "मैंने कुश्ती को बहुत कुछ दिया लेकिन अब इस से ब्रेक लेने की जरूरत है। इच्छा तो हो रही है कि कुश्ती छोड़ दूं लेकिन अगर मैं अभी छोड़ दूंगी तू ज्यादा बड़ी हार होगी।"
विनेश ने आगे लिखा की कुश्ती के मुकाबले के दिन उनका शरीर दुख रहा था। साल 2017 में उनको कनेक्शन हुआ था।जब जब उनके सिर पर चोट लगती है तो दर्द उभर जाता है।
उन्होंने यह भी बताया की मुकाबले के दिन वह वजन कम करने को लेकर इतना संघर्ष कर रही थी कि बस में जाते हुए उन्होंने उल्टी कर दी।
इसके बाद उन्होंने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि फेडरेशन ने उनका किसी को साथ ले जाने की इजाजत नहीं दी। जो फिजियो उनको मिला था वह शूटिंग टीम का था और उसे उनके शरीर के बारे में कोई भी अंदाजा नहीं था।
टीम से दूरी पर उन्होंने कहा कि "मैं बस दो-तीन दिन दूर रहना चाहती थी ताकि यह पक्का हो सके कि मुझे कोई खतरा नहीं है इसमें कोई बड़ी बात है क्या दो-तीन दिन में मैं टीम के साथ जाने वाली थी और सीमा बिस्ला के साथ अभ्यास भी शुरू करने वाली थी इसमें टीम प्लेयर होने का सवाल नहीं होना चाहिए।"
उन्होंने आगे लिखा कि अब इन लोगों को मेरे रोने से भी दिक्कत है मेरी मेंटल स्ट्रैंथ जीरो हो चुकी है और मुझे मेरी हार पर दुख भी नहीं मनाने दिया गया। फेडरेशन वाले हाथ में चाकू लेकर बैठे हैं।
हालांकि विनेश ने अपने कोच वूलर अकोस का बचाव किया और पिछले 3 सालों में अपनी कामयाबी का श्रेय उनको दिया।
उन्होंने यह भी बताया कि वह 2019 से अवसाद की शिकार है।
अमेरिकन जिम्नास्ट सिमोन बाइल्स के बारे में कहा कि 'उनकी तो बहुत तारीफ होती है अगर वह ओलंपिक में उतरने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं होती।'
'लेकिन जरा सोचिए अगर भारत में ऐसा हो तो, रेसलिंग छोड़ने की बात तो रहने ही दीजिए बस इतना कहने की हिम्मत हो कि मैं तैयार नहीं हूं।'
विनेश ने अंत में यह भी लिखा कि उनसे पूछने की किसी ने कोशिश भी नहीं करी और फैसले लेने शुरू कर दिए। मैट पर आखिर क्या हुआ था यह वही ढंग से बता सकती हैं। (वेबदुनिया डेस्क)