60 साल का इंतजार खत्म, टेबल टेनिस के मिश्रित युगल में भारत को मिला कांसा
जकार्ता। भारतीय टेबल टेनिस दल का एशियाई खेलों में स्वप्निल सफर आज तब समाप्त हुआ, जब अचंत शरत कमल और मनिका बत्रा ने मिश्रित युगल स्पर्धा में ऐतिहासिक कांस्य पदक अपने नाम किया।
कमल की अगुवाई वाली पुरुष टीम ने कल कांस्य पदक हासिल कर भारत के एशियाई खेलों में पहला पदक हासिल करने के 60 साल के इंतजार को खत्म किया। आज कमल और मनिका ने एक दिन में चार मैच खेले और मलेशिया के खिलाफ शुरुआती मुकाबला ही उनके लिए आसान रहा।
कमल ने हालांकि टूर्नामेंट के कार्यक्रम की भी आलोचना की। सेमीफाइनल में कमल और मनिका ने चीन के यिंगशा सुन और वांग सुन से हारने से पहले उनके सामने कड़ी चुनौती पेश की। उन्हें 9-11, 5-11, 13-11, 4-11, 8-11 से हार मिली। सेमीफाइनल बेस्ट ऑफ सेवन मुकाबला था जबकि पूर्व मुकाबले आम बेस्ट ऑफ फाइव प्रारूप में खेले गए।
प्री क्वार्टर फाइनल में उन्हें ली सांगसु और जियोन जिही की दक्षिण कोरियाई जोड़ी से कड़ी चुनौती मिली लेकिन उन्होंने 11-7, 7-11, 11-8, 10-12, 11-4 से जीत दर्ज कर ली।
अब कमल और मनिका के सामने उत्तर कोरियाई चुनौती सामने थी और यह मुकाबला सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए था, जिससे खेलों का पदक पक्का हो जाता। राउंड 16 के मैच की तरह क्वार्टर फाइनल भी उनके हाथों से निकल रहा था लेकिन चा हयो सिम और आन जि सोंग के खिलाफ उन्होंने 11-4, 10-12, 11-6, 6-11, 11-8 से जीत दर्ज की।
कमल ने कहा, मिश्रित युगल में महिला खिलाड़ी की भूमिका काफी अहम होती है। इसे ही फैसला होता है कि कौन मैच जीतेगा। उन्होंने कहा, अभी तक का अभियान अविश्वसनीय रहा है। मैंने सपने में भी एशियाई खेलों में पदक जीतने के बारे में नहीं सोचा था। अब मुझे पदक मिल गया है। मैं अभी तक खुद को विश्वास दिला रहा हूं। कमल पुरुष युगल और एकल स्पर्धा में भी भाग लेंगे।