खेलों के लिए उत्सव की तरह रहा अक्टूबर का महीना
नई दिल्ली। भारतीय खेलों के लिए यह अक्टूबर का महीना बैडमिंटन कोर्ट से लेकर क्रिकेट के मैदान तक, हॉकी स्टेडियम से फुटबॉल की पिच तक यादगार रहेगा। फ्रेंच ओपन बैडमिंटन के सेमीफाइनल में 2 भारतीय खिलाड़ी एक-दूसरे के आमने-सामने थे। देश ने कभी भी 1 महीने में इतनी सफलता हासिल नहीं की थी, जैसी इस साल अक्टूबर के महीने में रहीं।
खेलमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि जब आत्मविश्वास से भरा युवा देश अच्छा करना शुरू करता है तो बदलाव हमेशा देखे जा सकते हैं। सफलताएं एथलीटों और कोचों के प्रयासों से मिलती हैं। खेल के मैदान पर प्रदर्शन से लेकर पहली बार फीफा अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी तक देश के लिए यह महीना गौरवान्वित करने वाला रहा।
उन्होंने कहा कि बैडमिंटन खिलाड़ियों ने लगातार चमक बिखेरी, हॉकी टीम का फिर से पुराने दौर की ओर बढ़ना जारी है, क्रिकेटरों का दबदबा शानदार रहा तथा इन सबके बीच अंडर-17 विश्व कप के लिए दर्शक स्टेडियम में उत्साहवर्धन करते दिखे जबकि घरेलू टीम शुरुआती दौर में ही बाहर हो गई।
राठौड़ ने कहा कि फीफा अंडर-17 विश्व कप की सफल मेजबानी के साथ मिशन एकादश मिलियन ने फुटबॉल को लोकप्रिय किया। हमारा लक्ष्य एथलीटों, कोचों तथा देश के खेल ढांचे में दर्शकों को प्रधानता देना है। हम खिलाड़ियों को सुविधा और सम्मान दिलाने के हक में हैं। मैं खुश हूं कि हमारे खिलाड़ी भी अपनी निष्ठा और दृढ़ निश्चय से देश को गौरवान्वित कर रहे हैं। 'खेलो इंडिया' जैसे कार्यक्रम इस लय को आगे बढ़ाएंगे।
के. श्रीकांत ने इस महीने डेनमार्क ओपन खिताब जीता, पुरुष हॉकी टीम ने 10 साल में पहला एशिया कप खिताब अपनी झोली में डाला। इसके साथ ही क्रिकेट टीम ने विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को पस्त किया तथा टेनिस व गोल्फ में भी कुछ प्रशंसनीय प्रदर्शन रहा, वहीं भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली सबसे ज्यादा वनडे शतक जड़ने में रिकी पोंटिंग को पीछे छोड़कर दूसरे नंबर पर पहुंचे।
श्रीकांत ने इस साल 3 ट्रॉफियां जीती हैं। वे शनिवार को सेमीफाइनल में एचएस प्रणय को हराकर फ्रेंच ओपन बैडमिंटन के फाइनल में पहुंचे और चौथे खिताब का लक्ष्य बनाए हैं। पीवी सिंधू हालांकि शनिवार को महिला एकल के सेमीफाइनल में हार गईं।
भारत भले ही फुटबॉल में मैदान पर इतना अच्छा नहीं पाया हो लेकिन पहली बार फीफा अंडर-17 विश्व कप के आयोजन का अधिकार हासिल करने के बाद विश्व संस्था के अध्यक्ष जियानी इनफैनटिनो ने इसके आयोजन को सफल करार दिया। मेजबानी में भारत ने दर्शकों के मामले इस उम्र ग्रुप में रिकॉर्ड बनाया।
भारत ने पहली बार आईएसएसएफ निशानेबाजी विश्व कप फाइनल की मेजबानी की, जो भी काफी सफल रही। कर्णी सिंह रेंज में हुए इस सत्र के फाइनल में कई अंतरराष्ट्रीय स्टार निशानेबाज यहां पहुंचे। भारत ने भी अपनी मेजबानी में फाइनल में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उसने 1 स्वर्ण, 1 रजत और 1 कांस्य पदक अपनी झोली में डाला जिससे यह कई तरह से यादगार रहा। (भाषा)