टोक्यो पैरालंपिक में भारत के पैरालंपियन्स ने लगातार इतिहास रचा। जन्माष्टमी पर्व के दिन 5 मेडल अपने नाम कर के रियो पैरालंपिक्स में किए प्रदर्शन (4 मेडल) को सुधारा इसके बाद पहली बार 10 मेडल जीते, फिर 15 और भारत 20 मेडल के आंकड़े तक पहुंच ही जाता लेकिन अंतिम दिन मेडल की संथ्या 19 रही।
पैरालंपियन्स का यह प्रदर्शन लंबे समय तक याद रखा जाएगा क्योंकि यह ना केवल पैरालंपिक में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है बल्कि टोक्यो पैरालंपिक में पदकों की यह संख्या पिछले सभी पदकों की कुल संख्या से ज्यादा है। इस पैरालंपिक से पहले भारत ने कुल 12 मेडल जीते थे।
इसके अलावा रियो में पैरालंपियन्स (4)ने ओलंपियन्स (2) से दोगुने मेडल्स जीते थे। लेकिन टोक्यो में तो पैरालंपियन्स और ओलंपियन्स में बहुत अंतर दिखा। पैरालंपियन्स ने (19 मेडल) लगभग तिगुने मेडल ओलंपियन्स (7) से जीते।
हर तीसरे पैरालंपियन ने जीता पदकओलंपिक की तरह पैरालंपिक में भी भारत ने अब तक का सबसे बड़ा दल भेजा था। कुल 54 पैरा एथलीट भारत के लिए विभिन्न खेलों में जी जान लड़ा रहे थे और इनमें से 19 खिलाड़ियो ने मेडल अपने नाम किया। अगर अनुपात की तुलना की जाए तो 54 खिलाड़ियों में से 19 खिलाड़ी पदक लाने में सफल हुआ है। इसका मतलब यह निकाला जा सकता है कि (19/54)हर तीसरे खिलाड़ी के पास (3.5) पदक आया है।
वहीं टोक्यो पैरालंपिक में भारत ने 128 खिलाड़ियों का दल भेजा था और भारत 7 मेडल जीतने में सक्षम हुआ था। इसका अनुपात अगर देखें तो 7/128 का है जो पैरालंपियन्स के अनुपात से कहीं नीचे है।
गोल्ड हो या ब्रॉन्ज हर मेडल जीते ज्यादाअगर मेडल के आधार पर भी इस तुलना को आगे बढाए तो पैरालंपियन्स ने ओलंपियन्स से ज्यादा गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं।
पैरालंपियन- 5 गोल्ड , ओलंपियन -1 गोल्डअवनि लेखरा ने 10 मीटर एयर रायफल में भारत को टोक्यो पैरालंपिक का पहला गोल्ड मेडल दिलाया था। वहीं सुमित अंतिल ने 68 मीटर तक भाला फेंक कर भारत को टोक्यो पैरालंपिक्स में दूसरा गोल़्ड मेडल जिताया। इसके बाद मनीष नरवाल ने शूटिंग में 10 मीटर एयर रायफल में गोल्ड जीता। पैरालंपिक में पहली बार खेले जा रहे बैडमिंटन में भारत ने 2 गोल्ड मेडल जीते। पहले प्रमोद भगत एसएल3 वर्ग में और फिर अंतिम दिन कृष्णा नागर ने SH-6 कैटेगरी में गोल्ड जीता।
भारत को टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड के लिए आखिरी दिन का इंतजार करना पड़ा जब नीरज चोपड़ा ने 87.58 की दूरी तक भाला फेंक कर जैवलिन थ्रो में भारत को गोल्ड मेडल जिताया। यह ओलंपिक के एथलेटिक्स में भारत का पहला मेडल भी था।
पैरालंपियन-8 सिल्वर, ओलंपियन- 2 सिल्वरटोक्यो पैरालंपियन ने सिल्वर मेडल की झड़ी लगा दी। सबसे पहले भाविनाबेन पटेल में फाइनल में पहुंचकर अपना सिल्वर मेडल पक्का किया। इसके बाद निशाद ने ऊंचीकूद टी47 स्पर्धा में रजत पदक जीता। मरियप्पन ने भी ऊंची कूद में सिल्वर मेडल जीता देवेंद्र झांझरिया ने जैवलिन थ्रो में सिल्वर मेडल जीता वहीं योगेश ने डिस्कस थ्रो में रजत पदक हासिल किया। निशानेबाज सिंहराज अडाना ने 50मीटर मिश्रित शूटिंग में सिल्वर मेडल जीता। टी 64 वर्ग ऊंची कूद में प्रवीण कुमार ने सिल्वर मेडल जीता। नोएडा के डीएम सुहास यथिराज ने बैडमिंटन के एसएल 4 में अंतिम दिन सिल्वर मेडल जीता।
ओलंपियन्स की बात करें तो भारत के लिए 49 किलोग्राम वर्ग में मीराबाई चानू ने भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता। इसके बाद पहलवानी में रवि दहिया ने भारत के लिए दूसरा सिल्वर मेडल जीता।
पैरालंपियन-6 ब्रॉन्ज, ओलंपियन- 4 ब्रॉन्जब्रॉन्ज मेडल में भी पैरालंपियन्स ओलंपियन्स पर 20 साबित हुए। सुंदर सिंह गुर्जर ने भाला फेंक की एफ16 स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीता। सिंहराज अडाना ने 10 मीटर एयर रायफल की एसएच 1 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। अवनि लेखरा ने 50 मीटर एयर रायफल में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। टी-63 वर्ग में शरद कुमार ने कांस्य पदक जीता। बैडमिंटन की एस एल 3 स्पर्धा में मनोज सरकार ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। तीरंदाज हरविंदर सिंह ने शूट ऑफ में कांस्य पदक जीता।
वहीं टोक्यो ओलंपिक्स में बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु, मुक्केबाज लवलीना और पहलवान बजरंग पुनिया ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। वहीं पुरुष हॉकी टीम ने भी लंबे समय बार ब्रॉन्ज मेडल जीता।
पहली बार 4 खेलों में खुला पदकों का खातापहली बार भारत ने पैरालंपिक के 4 खेलों में अपने पदकों का खाता खोला। इसकी शुरुआत भाविना बेन पटेल ने टेबल टेनिस में सिल्वर मेडल जीतकर की। वहीं निशानेबाद अवनि लेखरा ने ना केवल पहला गोल्ड बल्कि भारत के लिए पैरालंपिक में पहला मेडल भी दिलाया।
इसके बाद तीरंदाजी में हरविंदर सिंह ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत का खाता खोला। प्रमोद भगत भारत के ही नहीं मेडल जीतने वाले दुनिया के पहले पैरा बैडमिंटन एथलीट बने। बैडमिंटन पहली बार पैरालंपिक में शामिल हुआ था और भारत के पास इस तर अब तक इस खेल में सर्वाधिक मेडल (4) है।
निशानेबाजी में भारत ने 5 मेडल जीते और हमेशा की तरह सर्वाधिक मेडल (8) जीते।
(वेबदुनिया डेस्क)