शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. अन्य खेल
  3. समाचार
  4. Hit by Polio at 12, Bhavina patels father owns a small shop
Written By
Last Updated : शनिवार, 28 अगस्त 2021 (14:09 IST)

छोटी परचून की दुकान चलाते हैं पिताजी, 12 साल की उम्र में ही पोलियो हो गया था भाविना को

छोटी परचून की दुकान चलाते हैं पिताजी, 12 साल की उम्र में ही पोलियो हो गया था भाविना को - Hit by Polio at 12, Bhavina patels father owns a small shop
टोक्यो: भारत की भाविनाबेन पटेल लगातार इतिहास रचते हुए पैरालम्पिक टेबल टेनिस स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय बन गई जिन्होंने चीन की मियाओ झांग को क्लास 4 वर्ग के कड़े मुकाबले में 3-2 से हराया।

पटेल ने दुनिया की तीसरे नंबर की खिलाड़ी को 7-11, 11-7, 11-4, 9-11, 11-8 से हराकर भारतीय खेमे में भी सभी को चौंका दिया। अब उनका सामना दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीन की यिंग झोउ से होगा।

छोटी परचून की दुकान चलाते हैं पिताजी

गुजरात के मैहसाणा जिले में एक छोटी परचून की दुकान चलाने वाले हंसमुखभाई पटेल की बेटी भाविना को पदक का दावेदार भी नहीं माना जा रहा था लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से इतिहास रच दिया।

बारह महीने की उम्र में पोलियो की शिकार हुई पटेल ने कहा ,‘‘ जब मैं यहां आई तो मैने सिर्फ अपना शत प्रतिशत देने के बारे में सोचा था। अगर ऐसा कर सकी तो पदक अपने आप मिलेगा। मैने यही सोचा था।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ अगर मैं इसी आत्मविश्वास से अपने देशवासियों के आशीर्वाद के साथ खेलती रही तो कल स्वर्ण जरूर मिलेगा। मैं फाइनल के लिये तैयार हूं और अपना शत प्रतिशत दूंगी।’’
व्हीलचेयर पर खेलने वाली पटेल ने पहला गेम गंवा दिया लेकिन बाद में दोनों गेम जीतकर शानदार वापसी की । तीसरा गेम जीतने में उन्हें चार मिनट ही लगे । चौथे गेम में चीनी खिलाड़ी ने फिर वापसी की लेकिन निर्णायक पांचवें गेम में पटेल ने रोमांचक जीत दर्ज करके फाइनल में प्रवेश किया।

दुनिया की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी झांग के खिलाफ पटेल की यह पहली जीत थी । दोनों इससे पहले 11 बार एक दूसरे से खेल चुके हैं।

पटेल को पहले ग्रुप मैच में झोउ ने आसानी से हराया था । उनके खिलाफ फाइनल जीतना आसान नहीं होगा । पटेल ने क्वार्टर फाइनल में 2016 रियो पैरालम्पिक की स्वर्ण पदक विजेता और दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी बोरिस्लावा पेरिच रांकोविच को हराया था।

क्लास 4 वर्ग के खिलाड़ियों का बैठने का संतुलन सही रहता है और हाथ पूरी तरह से काम करते हैं । उनके शरीर में विकार मेरूदंड में चोट के कारण होता है।

दृष्टिदोष वाले बच्चों को टेबल टेनिस खेलते हुए देखा और चुना खेल

पटेल ने 13 साल पहले अहमदाबाद के वस्त्रापुर इलाके में नेत्रहीन संघ में खेलना शुरू किया जहां वह दिव्यांगों के लिये आईटीआई की छात्रा थी। बाद में उन्होंने दृष्टिदोष वाले बच्चों को टेबल टेनिस खेलते देखा और इसी खेल को अपनाने का फैसला किया। उन्होंने अहमदाबाद में रोटरी क्लब के लिये पहला पदक जीता।उनका विवाह निकुंज पटेल से हुआ जो गुजरात के लिये जूनियर क्रिकेट खेल चुके हैं।

पटेल 2011 में दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी भी बनी जब उन्होंने पीटीटी थाईलैंड टेबल टेनिस चैम्पियनशिप में भारत के लिये रजत पदक जीता था । अक्ट्रबर 2013 में उन्होंने बीजिंग में एशियाई पैरा टेनिस चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था।

मिल चुका है सरदार पटेल पुरस्कार

भाविना पटेल ने अहमदाबाद स्थित ब्लाइंड पीपुल्स एसोसिएशन में प्रशिक्षक ललन दोषी की देख-रेख में प्रशिक्षण लिया है। भाविना इस समय अपने वर्ग में दुनिया में 8वें स्थान पर हैं। वह सरदार पटेल पुरस्कार और एकलव्य पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं।

सरकार से मिला सहयोग

भाविना टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) कोर ग्रुप का हिस्सा हैं और दोनों को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के मामले में भारत सरकार से महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ है। भाविना को व्यक्तिगत प्रशिक्षण के लिए टीटी टेबल, रोबोट और टीटी व्हीलचेयर तथा आगामी टोक्यो पैरालंपिक खेलों की तैयारी के लिए फिजियोथेरेपी, आहार विशेषज्ञ, मनोवैज्ञानिक और प्रशिक्षण शुल्क के साथ-साथ प्रशिक्षण के लिए टेबल टेनिस बॉल, प्लाई, रबर, गोंद आदि जैसे उनके खेल से जुड़े विशिष्ट उपकरणों की खरीद के लिए वित्तीय सहायता भी मिली है।
ये भी पढ़ें
नर्वस नाइंटीज में आउट हुए चेतेश्वर पुजारा, 2 साल से शतक का इंतजार बरकरार (वीडियो)