ऑस्ट्रेलिया की ओलंपिक रजत विजेता टीम के सदस्य रीड होंगे भारत के नए हॉकी कोच
नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया की 1992 के बार्सिलोना ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली टीम के सदस्य रहे ग्राहम रीड को हॉकी इंडिया ने भारतीय राष्ट्रीय टीम का नया मुख्य कोच नियुक्त किया है।
हॉकी इंडिया ने बताया कि 54 वर्षीय रीड बेंगलुरू में भारतीय खेल प्राधिकरण के सेंटर में चल रहे राष्ट्रीय शिविर से जल्द ही जुड़ जाएंगे। वह इस साल ओड़िशा के भुवनेश्वर में होने वाले एफआईएच पुरुष सीरीज़ फाइनल के लिए भारतीय टीम की तैयारियों का प्रभार संभालेंगे।
रीड ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय टीम में डिफेंडर और मिडफील्डर की हैसियत से अपने करियर में खेले थे। वह बार्सिलोना ओलंपिक की रजत पदक विजेता टीम के सदस्य होने के साथ साथ 1984 और 1985 तथा 1989 और 1990 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे।
130 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले रीड ने राष्ट्रीय टीम के साथ कोचिंग की शुरुआत 2009 में की थी, जब उन्हें ऑस्ट्रेलियाई टीम का सहायक कोच बनाया गया था। उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान ही प्रमुख कोच बनाया गया था और उन्होंने 2012 में ऑस्ट्रेलिया को लगातार पांचवीं बार चैंपियंस ट्रॉफी खिताब दिलाया था। वह 2014 में प्रमुख कोच बने और उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को नंबर एक टीम भी बनाया। वह 2017 में हॉलैंड के एक प्रमुख क्लब के भी कोच बने थे।
रीड को कोच नियुक्त करते हुए हॉकी इंडिया के अध्यक्ष मोहम्मद मुश्ताक अहमद ने कहा, रीड का खिलाड़ी के रूप में सफल कॅरियर रहा है और उनके पास कोचिंग का बड़ा अनुभव भी है। वह ऑस्ट्रेलिया और हॉलैंड की राष्ट्रीय टीमों के साथ भी काम कर चुके हैं। हमें उम्मीद है कि उनके अनुभव से भारतीय टीम को 2020 के टोक्यो ओलंपिक के लिए तैयारियों में फायदा मिलेगा।
रीड ने भी भारत का कोच नियुक्त किए जाने को एक बड़ा सम्मान बताते हुए कहा, भारतीय पुरूष हॉकी टीम का कोच बनना मेरे लिए बड़े सम्मान और गौरव की बात है। इस खेल में किसी अन्य देश का इतना समृद्ध इतिहास नहीं है, जितना भारत का है। विपक्षी कोच रहते हुए मैने उनके खेल का आनंद लिया था और अब मेरी जिम्मेदारी है कि मैं इस टीम को अपनी कोचिंग से नई ऊंचाइयों पर ले जाऊं।
ऑस्ट्रेलियाई रीड की पत्नी अगस्त में भारत आ जाएंगी और वे बेंगलुरु को अपना दूसरा घर बनाएंगे। रीड को हरेंद्र सिंह की जगह भारतीय टीम का कोच बनाया गया है, जिनका कार्यकाल गत वर्ष एशियाई खेलों के बाद समाप्त हो गया था।