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Last Updated : गुरुवार, 12 अगस्त 2021 (17:08 IST)

कभी पिता कमाते थे 7 हजार रुपए, आज इटारसी के विवेक सागर बने DSP, CM शिवराज ने दिया सरकारी आवास

कभी पिता कमाते थे 7 हजार रुपए, आज इटारसी के विवेक सागर बने DSP, CM शिवराज ने दिया सरकारी आवास - Bronze medalist hockey player Vivek Sagar appointed as DSP
भोपाल: टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता भारतीय पुरुष हॉकी टीम के युवा होनहार खिलाड़ी विवेक सागर को आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) बनाने और उनके परिवार को एक आवास मुहैया कराने की घोषणा की।
 
चौहान ने विवेक सागर के सम्मान में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए यह घोषणा की। राज्य के होशंगाबाद जिले के इटारसी के निवासी 21 वर्षीय विवेक सागर ओलंपिक में हिस्सा लेने के बाद आज ही यहां पहुंचे हैं। उनका हवाईअड्डे पर शानदार स्वागत किया गया। सम्मान समारोह में विवेक सागर को मध्यप्रदेश सरकार की ओर से एक करोड़ रुपए की सम्मान निधि भी चेक के माध्यम से मुहैया करायी गयी।
 
 
चौहान ने कहा कि विवेक सागर को डीएसपी बनाने का आशय यह नहीं है कि वे ऑफिस में बैठेंगे। वे हॉकी ही खेलेंगे और डीएसपी उन्हें सम्मान स्वरूप बनाया गया है। उनके परिवार को उनकी इच्छा के अनुरूप स्थान पर सरकार की ओर से आवास भी मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि हॉकी के सहायक प्रशिक्षक शिवेंद्र सिंह को भी 25 लाख रुपए की सम्मान निधि दी जाएगी। उन्होंने सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि राज्य में खिलाड़ियों को खेल सुविधाओं की कमी नहीं आने दी जाएगी।
 
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि विवेक ने शानदार उपलब्धि हासिल की है और यह सभी खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा की बात है। यह मध्यप्रदेश के लिए ही नहीं, पूरे देश के लिए गौरव का क्षण है।कार्यक्रम में विवेक के माता पिता और अन्य परिजन भी मौजूद थे।
मैच से पहले पीएम मोदी से हुई चर्चा से खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन हुआ: विवेक सागर
 
टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मजबूत स्तंभ विवेक सागर ने गुरूवार को कहा कि निश्चित ही अगली बार हम 'मैडल का कलर' परिवर्तित करना चाहेंगे।
 
मध्यप्र्रदेश के होशंगाबाद जिले के इटारसी निवासी विवेक सागर नियमित विमान सेवा से सुबह भोपाल पहुंचे। हवाईअड्डे पर राज्य की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधराराजे सिंधिया, विभाग के संचालक पवन जैन और अन्य खेल प्रेमियों ने विवेक सागर का शानदार तरीके से स्वागत किया।

 
मीडिया से चर्चा में विवेक ने कहा कि निश्चित ही हम मैडल का कलर चेंज करना चाहेंगे। यह टिप्पणी उन्होंने इस सवाल पर की कि क्या टीम अगली बार स्वर्ण पदक जीतेगी। उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में महत्वपूर्ण मैच के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर हुयी चर्चा से टीम के सदस्यों का उत्साहवर्धन हुआ और निश्चित ही इसने और बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा दी। संक्षिप्त बातचीत में विवेक सागर ने कहा कि देशवासियों की हमसे काफी अपेक्षाएं थीं और टीम सदस्यों ने और अधिक विश्वास के साथ बेहतर से बेहतर प्रदर्शन का प्रयास किया।

 
इस अवसर पर राज्य की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती सिंधिया ने विवेक सागर का आत्मीय स्वागत करते हुए कहा कि विवेक ने शानदार शुरूआत की है। वे राज्य के अन्य खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बनेंगे। उन्होंने विवेक सागर के कांस्य पदक को ससम्मान अपने सर पर लगाया और भावुक भी हो गयीं।
 
विवेक सागर के आज भोपाल में शानदार स्वागत के साथ ही उनके सम्मान में यहां मिंटो हॉल में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जहां पर उन्हें राज्य सरकार की ओर से एक करोड़ रुपयों की सम्मान निधि प्रदान की गयी। इस समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुख्य अतिथि थे । इसके अलावा विवेक सागर आज यहां मुख्यमंत्री के साथ पौधारोपण भी किया।
 
राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश से संबंधित विवेक सागर के अलावा नीलकांता शर्मा को भी एक करोड़ रुपए की सम्मान निधि देने की घोषणा की है।

पिता कमाते थे 7 हजार रुपए
 
गौरतलब है कि विवेक सागर का प्रारंभिक जीवन आर्थिक तंगी में बीता था। घर में इकलौते कमाने वाले पिता थे और उनकी तनख्वाह बहुत कम थी। पिता के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह विवेक के लिए हॉकी और जूते खरीद सके, इसलिए विवेक दोस्तों की दी हुई टूटी हॉकी से खेलते थे।
 
 
पिता रोहित प्रसाद शिक्षाकर्मी थे और उनकी तनख्वाह मात्र रुप में मात्र 7 हजार रुपए मिलते थे जिससे न तो घर का गुजारा हो पाता था और न ही घर का खर्च चल पाता था इसलिए पिता चाहते थे कि बेटा विवेक पढ़ाई में ध्यान लगाए और वह विवेक को हॉकी खेलने से रोकते और टोकते थे। विवेक में हॉकी को लेकर एक जुनून था वह पिता से छुपकर हॉकी खेलने जाता रहा है और मम्मी और बहन ने इसको मैनेज किया है।
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