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Last Updated : मंगलवार, 23 अगस्त 2022 (19:29 IST)

AIFF ने किया FIFA से निवेदन, 'निलंबन के फैसले पर जल्द हो पुनर्विचार'

AIFF ने किया FIFA से निवेदन, 'निलंबन के फैसले पर जल्द हो पुनर्विचार' - AIFF requests FIFA to revoke ban
नई दिल्ली: अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के कार्यवाहक महासचिव सुनंदो धर ने मंगलवार को विश्व फुटबॉल संचालक संस्था फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा) की महासचिव फातमा समोरा से ‘एआईएफएफ के निलंबन के फैसले पर पुनर्विचार’ करने का अनुरोध किया।

उल्लेखनीय है कि फीफा ने मंगलवार को ‘तीसरे पक्ष के अनावश्यक हस्तक्षेप’ का हवाला देते हुए एआईएफएफ को निलंबित कर दिया था और कहा था कि उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) के निरस्त होने और एआईएफएफ का कार्यभार महासंघ की कार्यकारी समिति के हाथों में जाने के बाद ही निलंबन हटाया जाएगा।

इस घटना की सनद लेते हुए उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सीओए को भंग करने का फैसला किया और एआईएफएफ का कार्यभार महासचिव धर को सौंप दिया।

श्री धर ने सुश्री समोरा को लिखे एक पत्र में शीर्ष अदालत के फैसले की सूचना देते हुए कहा, ‘हमें आपको यह सूचित करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि भारत के माननीय उच्चतम न्यायालय ने हमारे मामले की सुनवाई की और सीओए को पूर्णतः भंग करने एवं महासंघ की पूरी जिम्मेदारी एआईएफएफ को देने का निर्देश दिया है।”

उन्होंने पत्र में कहा, “उपरोक्त फैसले को ध्यान में रखते हुए, हम फीफा से और खासकर फीफा ब्यूरो से निवेदन करते हैं कि वह एआईएफएफ को निलंबित करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें। क्योंकि आपके निलंबन हटाने की शर्तों को पूरा कर दिया गया है, हम आपसे निवेदन करते हैं कि इस संबंध में जल्द से जल्द फैसला सुनाया जाए ताकि एआईएफएफ भारत में फुटबॉल का कार्यान्वयन सहजता के साथ कर सके।”

उन्होंने उम्मीद जतायी कि शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद फीफा भारत में आयोजित होने वाले एआईएफएफ और अंडर -17 महिला विश्व कप के निलंबन के फैसले को रद्द कर देगा।

एआईएफएफ चुनावों की नयी तिथियां घोषित

अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की कार्यकारी समिति के चुनाव दो सितंबर को होंगे। एआईएफएफ के निर्वाचन अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

उच्चतम न्यायालय ने फीफा की शर्त के अनुसार सोमवार को प्रशासकों की समिति (सीओए) को भंग करते हुए एआईएफएफ के चुनाव एक हफ्ते के लिये बढ़ा दिये थे। शीर्ष अदालत के फैसले के कुछ घंटे बाद आज ही निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा ने ताज़ा नोटिस जारी करते हुए नयी प्रक्रिया की घोषणा की।

नयी प्रक्रिया के अनुसार उम्मीदवार 25 अगस्त से 27 अगस्त नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं। नामांकनों की जांच 28 अगस्त को होगी।

नामांकन वापस लेने की तिथि 29 अगस्त है। निर्वाचक अधिकारी 30 अगस्त को चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की सूची एआईएफएफ की वेबसाइट पर डालेंगे।

चुनाव दो सितंबर को नयी दिल्ली में एआईएफएफ मुख्यालय में होंगे और निर्वाचन अधिकारी के नोटिस के अनुसार परिणाम दो या तीन सितंबर को घोषित किए जा सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि विश्व फुटबॉल के शासी निकाय फीफा ने 15 अगस्त को एआईएफएफ को ‘तीसरे पक्ष के अनुचित हस्तक्षेप’ का हवाला देते हुए एआईएफएफ को निलंबित कर दिया था। जिससे अक्टूबर में होने वाले अंडर-17 महिला विश्व कप की मेज़बानी भारत से छिनने का खतरा भी देश पर मंडरा रहा है।

एआईएफएफ के निलंबन की समाप्ति और देश में अंडर-17 महिला विश्व कप का आयोजन सीओए के भंग होने पर निर्भर था। इसी के मद्देनज़र उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को निर्देश दिया कि सीओए को भंग किया जाएगा और महासंघ के दिन-प्रतिदिन के कार्यों की जिम्मेदारी कार्यवाहक महासचिव सुनंदो धार को सौंपी जाएगी। शीर्ष अदालत के संशोधित आदेश के अनुसार, एआईएफएफ के निर्वाचन मंडल में कोई ‘प्रतिष्ठित फुटबॉलर’ व्यक्तिगत मतदाता के रूप में शामिल नहीं होगा क्योंकि यह फीफा के नियमों का उल्लंघन करता है।

इस आदेश का मतलब है कि पूर्व फुटबॉलर भाईचुंग भूटिया को एक राज्य इकाई से चुनाव लड़ना होगा, जबकि पहले उन्होंने एक प्रख्यात फुटबॉलर के रूप में आवेदन किया था।(वार्ता)