खेल को माना जाए मौलिक अधिकार, एआईसीएस ने की सिफारिश
नई दिल्ली। अखिल भारतीय खेल परिषद (एआईसीएस) ने खेल को मौलिक अधिकार बनाने व खेलों से संन्यास ले चुके खिलाड़ियों को पेंशन सुविधा प्रदान करने की सिफारिश की गई।
एआईसीएस की विज्ञप्ति के अनुसार विजय कुमार मल्होत्रा की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई परिषद की 11वीं बैठक में शिक्षा और भोजन के अधिकार की तरह ही खेल को भी मौलिक अधिकारों की सूची में शामिल किए जाने की मांग की गई।
मल्होत्रा ने बताया कि खेल को मौलिक अधिकार बनाने के लिए प्रधानमंत्री से संविधान में उचित संशोधन करने का अनुरोध किया गया है जिससे कि देश में खेल संस्कृति विकसित हो सके।
खेल परिषद ने खेल को स्कूलों की पाठ्यक्रम में शामिल करने और विषय के तौर पर खेल को नर्सरी स्तर से ही बच्चों को पढ़ाए जाने की वकालत की है। बच्चों की प्रतिभा और खेल योग्यता का आकलन प्रारंभिक स्तर से ही किया जाना चाहिए जिससे कि प्रशिक्षण और शिक्षा के माध्यम से उनकी प्रतिभा में सुधार और विकास किया जा सके। स्कूल के बजट में खेलों के लिए अनिवार्य प्रावधान होना चाहिए जिसका उपयोग केवल खेल गतिविधियों के लिए ही किया जाए।