शिवलिंग पर चढ़ाया प्रसाद क्यों नहीं खाना चाहिए? जानें महत्व और विधान
किस शिवलिंग पर चढ़ाया गया प्रसाद खाना है वर्जित? जानें इसके फायदे
Sawan 2024 : सावन का महीना शुरू होने वाला है, और इस महीने में शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व है। धर्म ग्रंथों में शिवलिंग पर विभिन्न प्रकार की वस्तुएं और खाद्य पदार्थ चढ़ाने के विधान, महत्व और लाभों का वर्णन किया गया है। लेकिन, शिवलिंग पर चढ़ाया गया भोग-प्रसाद कभी घर नहीं लाना चाहिए और न ही खाना चाहिए। आइए जानते हैं कि आखिर क्यों शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद ग्रहण करने की मनाही होती है और शिव जी के प्रसाद का क्या करना चाहिए।
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शिवलिंग पर प्रसाद चढ़ाने से क्या होता है?
शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद क्यों नहीं खाना चाहिए?
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पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव के मुख से चंडेश्वर नामक गण प्रकट हुआ था।
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चंडेश्वर को भूत-प्रेतों का प्रधान माना जाता है। शिवलिंग पर चढ़ाया प्रसाद इन्हीं का होता है।
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ऐसे में शिवलिंग का प्रसाद खाना चंडेश्वर यानी भूतों का खाना खाने जैसा माना गया है।
किस शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद खाना है वर्जित?
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बता दें कि सभी शिवलिंग पर चढ़ा गया प्रसाद चंडेश्वर का भाग नहीं माना जाता है।
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साधारण पत्थर, चीनी मिट्टी और मिट्टी से बने शिवलिंग का प्रसाद खाना निषेध है।
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ऐसे शिवलिंग पर चढ़े हुए प्रसाद को खाने के बजाय नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए।
किस शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद खा सकते हैं?
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तांबे, सोने, चांदी (चांदी के उपाय) आदि धातुओं से बने शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद खाया जा सकता है।
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पारद शिवलिंग पर भी प्रसाद चढ़ाने के बाद उसे खा सकते हैं और घर भी ले जा सकते हैं।
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इन धातुओं से बने शिवलिंग का प्रसाद खाने से किसी भी प्रकार का कोई दोष नहीं लगता है।
अगर आप भी शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद खाते हैं या घर ले जाते हैं तो इन बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है।