पाकिस्तानी हर बार अपनी हरकतों के लिए चर्चा में आते हैं। अब यूक्रेन ने रूस के हमले में भी वे अपनी हरकत से चर्चा में हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूक्रेन में पाकिस्तानी नागरिक भारतीय छात्रों के साथ लूटपाट कर रहे हैं। पाकिस्तान ही नहीं, नाइजीरिया के स्टूडेंट्स भी इसी तरह की हरकतें कर रहे हैं।
यह सब तब हो रहा है जब भारतीय स्टूडेंट वहां से निकलकर अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए भारतीय स्टूडेंट भारतीय तिरंगे ध्वज की ढाल बनाकर अपनी जान बचा रहे हैं।
कीव में कर्फ्यू होने के कारण स्टूडेंट अपने होस्टल से निकल नहीं पा रहे हैं, ऐसे में तिरंगा लेकर बचने की कोशिश कर रहे हैं। करीब 200 स्टूडेंट ऐसे ही कीव से निकले हैं, लेकिन बॉर्डर तक कैसे जाए यह मुश्किल हो रहा है।
दरअसल, भारतीय छात्र एम्बेसी के एक फैसले से परेशान हैं। एम्बेसी कह रही है, अपने रिस्क पर बॉर्डर तक आओ, लेकिन यूक्रेन में कर्फ्यू है और बाहर निकलने वालों को गोली मारने के आदेश हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर ये छात्र बॉर्डर तक कैसे जाएं?
रिपोर्ट आ रही है कि एम्बेसी स्टूडेंट्स को अपने रिस्क पर रोमानिया, हंगरी या पोलैंड बॉर्डर पर पहुंचने के लिए कह रही है। यहां से सबको एयरलिफ्ट किया जा रहा है। यूक्रेन में कर्फ्यू लगा हुआ है। किसी को भी देखते ही शूट करने के ऑर्डर हैं।
यूक्रेन में फंसे छात्रों को वापस लाया जा रहा है, पर अभी भी भारी संख्या में छात्र बॉर्डर पर फंसे हुए हैं। इन्हें बॉर्डर नहीं पार करने दिया जा रहा है।
इन छात्रों को पाकिस्तानी और नाइजीरियन छात्र टॉर्चर करके सामान भी छीन रहे हैं। यूक्रेन के अधिकांश इलाके युद्धग्रस्त हैं, वहां से छात्रों और नागरिकों को निकालना बहुत जरूरी है। इसके लिए भारत सरकार ऑपरेशन गंगा चला रही है।
वहीं, सूरत की दो छात्राओं के रोमानिया बॉर्डर पर पिछले 48 घंटे से फंसने की खबर भी है। यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गए कई छात्र-छात्राएं अभी वहीं फंसे हैं, जिन्हें लाने की कवायद जारी है। अभी तक सूरत कलेक्ट्रेट में 183 अभिभावक अपने बच्चों के फंसे होने की जानकारी दे चुके हैं।
स्टूडेंट्स कीव और खार्किव में बमबारी के बीच बंकर और मेट्रो में दिन-रात गुजार रहे हजारों स्टूडेंट्स कर्फ्यू में छूट मिलने के बाद रेलवे स्टेशन तो पहुंच गए हैं। अब यूक्रेनियन उन्हें ट्रेन में बैठने से रोक रहे हैं। भारी भीड़ के बीच उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है और पहले यूक्रेनियन को पश्चिम शहर की ओर जाने वाली ट्रेनों में बैठाया जा रहा है। इंडियन स्टूडेंट्स पूरे दिन ट्रेन में बैठने के लिए मशक्कत करते रहे, लेकिन उन्हें बैठने नहीं दिया गया।
यूक्रेन में फंसे करीब 1,400 भारतीयों को लेकर छह उड़ानें अब तक भारत आ चुकी हैं। इस बीच एक बेहद मार्मिक तस्वीर सामने आई है। रूसी सैनिकों के हमले से बचने के लिए छात्रों ने पेपर पर हाथों से तिरंगा बनाया और उसे अपनी ढाल बनाकर आगे बढ़ रहे हैं।