UNSC में भारत ने कहा- यूक्रेन के बुचा में नागरिकों की हत्याओं की रिपोर्ट परेशान करने वाली, स्वतंत्र जांच हो
संयुक्त राष्ट्र। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा है कि यूक्रेन के बुचा (Bucha) ने आम नागरिकों के मारे जाने की रिपोर्ट परेशान करने वाली हैं। हम इसकी स्वतंत्र जांच की मांग करते हैं।
भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन के बुचा शहर में नागरिकों के मारे जाने संबंधी खबरों को 'बेहद परेशान' करने वाला करार देते हुए इस कृत्य की कड़ी निंदा की।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने यूक्रेन पर संरा सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि बुचा में नागरिकों के मारे जाने संबंधी हालिया खबरें काफी परेशान करने वाली हैं। उन्होंने कहा कि भारत बुचा हत्याओं की निंदा करता है और एक स्वतंत्र जांच के आह्वान का समर्थन करता है।
यूक्रेन संघर्ष पर तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत हिंसा की तत्काल समाप्ति और शत्रुता खत्म करने के अपने आह्वान को दोहराता है।
उन्होंने कहा कि जब निर्दोष लोगों की जान दाव पर लगी हो तो केवल कूटनीति ही एकमात्र विकल्प रह जाता है। तिरुमूर्ति ने बैठक के दौरान कहा, 'परिषद द्वारा पिछली बार इस मुद्दे पर चर्चा के बाद से यूक्रेन के हालात में कोई खास सुधार देखने को नहीं मिला है। सुरक्षा परिस्थितियों के साथ ही मानवीय हालात और बिगड़े हैं।'
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मंगलवार को पहली बार यूएनएससी की बैठक को संबोधित किया। जेलेंस्की ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से कहा कि युद्ध अपराधों के लिए रूसी सेना को तुरंत न्याय के दायरे में लाया जाना चाहिए।
वीडियो के जरिए अपने संबोधन में जेलेंस्की ने रूस के सैनिकों पर द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सबसे बर्बर अत्याचार करने का आरोप लगाया और कहा कि वे इस्लामिक स्टेट समूह जैसे आतंकवादियों से अलग नहीं हैं।
यूक्रेन के विभिन्न इलाकों खासकर बुचा से सामने आई खौफनाक तस्वीरों ने दुनिया में खलबली मचा दी है और रूस के खिलाफ युद्ध अपराधों के लिए मुकदमा तथा कठोर पाबंदी लगाने की मांग की गई है।
परिषद को संबोधित करते हुए संरा महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने कहा कि वे बुचा में आम नागरिकों की हत्या की भयावह तस्वीरों को कभी नहीं भूल पाएंगे। उन्होंने प्रभावी जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए तत्काल एक निष्पक्ष जांच का आह्वान किया।