वैष्णोदेवी : एनजीटी ने पूछा, घोड़ा-खच्चर मालिकों के लिए कब तैयार होगी पुनर्वास योजना
नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने घोड़े और खच्चरों से श्रद्धालुओं को वैष्णोदेवी मंदिर तक लाने-ले जाने में लगे लोगों के लिए पुनर्वास योजना पर जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से दाखिल स्थिति रिपोर्ट पर बुधवार को नाराजगी जाहिर की। कटरा से वैष्णोदेवी मंदिर तक घोड़े और खच्चरों के आने-जाने पर रोक लगा दी गई है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के कार्यकारी अध्यक्ष जवाद रहीम की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह पुनर्वास कार्यक्रम को लागू करने में चूक पर स्पष्टीकरण के लिए राज्य के मुख्य सचिव को तलब करना चाहती थी, हालांकि राज्य के वकील की विनती के बाद अधिकरण ने समयसीमा के बारे में अवगत कराने के लिए उन्हें 1 दिन का वक्त दिया है कि सरकार एनजीटी के निर्देशों का कब पालन करेगी।
पीठ ने कहा कि हालांकि वकील जीएम कवूसा के अनुरोध के बाद उन्हें स्पष्ट बयान देने के लिए 1 दिन का वक्त दिया जा सकता है कि राज्य पुनर्वास योजना तैयार करने और उसे लागू करने के लिए अधिकरण के निर्देशों का आखिर कब पालन करेगा। अधिकरण मामले पर गुरुवार को सुनवाई करेगा।
पूर्व में एनजीटी ने घोड़ा और खच्चर तथा इसके मालिकों की पुनर्वास योजना पर उसके आदेश का उल्लंघन करने के लिए राज्य सरकार को फटकार लगाई थी। पीठ ने जम्मू-कश्मीर सरकार, श्री माता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड और घोड़ा-खच्चर मालिकों के संगठन के प्रतिनिधियों सहित सभी पक्षों को साथ बैठकर समाधान निकालने को कहा था। (भाषा)