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  4. Uttarakhand : Bodies of 4 missing mountaineers spotted near avalanche-hit Trishul peak
Written By निष्ठा पांडे
Last Modified: शनिवार, 2 अक्टूबर 2021 (19:49 IST)

उत्तराखंड : त्रिशूल चोटी पर चढ़ाई के दौरान हिमस्खलन में लापता नौसेना के 4 जवानों के शव की लोकेशन मिली, 2 की तलाश जारी

उत्तराखंड : त्रिशूल चोटी पर चढ़ाई के दौरान हिमस्खलन में लापता नौसेना के 4 जवानों के शव की लोकेशन मिली, 2 की तलाश जारी - Uttarakhand : Bodies of 4 missing mountaineers spotted near avalanche-hit Trishul peak
चमोली। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी के कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि चमोली जिले के माउंट त्रिशूल पर्वत को फतह करने गई टीम के लापता हुए जवानों में से 4 के शव की लोकेशन मिल गई है। लापता 2 लोगों की तलाश अभी भी जारी है।

माउंट त्रिशूल क्षेत्र में हिमस्खलन के कारण लापता हुए नौसेना के जवानों की तलाश अब कश्मीर की हाई एल्टीट्यूड एक्सपर्ट टीम करेगी। टीम को बुला लिया गया है। खोजबीन में लगी निम की टीम के हेड और निम के प्रिंसिपल कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि वहां 4 शव दिखे हैं। शवों को बरामद करने के लिए घटनास्थल पर टीम को उतारा गया है। हालांकि मौसम खराब होने की वजह से अभियान में परेशानी भी आ रही है। उन्होंने रविवार तक सर्च अभियान पूरा होने की संभावना जताई है।

 
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार की सुबह राहत-बचाव टीम द्वारा हिमस्खलन वाली जगह का हवाई मुआयना किया गया। इस दौरान देखा गया कि घटनास्थल बेहद ऊंचाई पर स्थित है, इसलिए कश्मीर की हाई एल्टीट्यूड एक्सपर्ट टीम को बुलाने का निर्णय लिया गया।
 
माउंट त्रिशूल क्षेत्र में हिमस्खलन की चपेट में आने से लापता हुए नौसेना के पर्वतारोहियों दल की तलाश में सेना ने राहत-बचाव ऑपरेशन शनिवार सुबह से शुरू किया गया। शुक्रवार को जोशीमठ में मौसम खराब होने के कारण राहत-बचाव टीम आगे नहीं बढ़ पाई थी। शुक्रवार को घटना की सूचना के बाद दल की तलाश में उत्तरकाशी से नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) का तीन सदस्यीय दल रवाना हो गया था।

निम के अनुसार लापता हुए दल में नौसेना के 5 सदस्य और एक शेरपा शामिल हैं। निम के रजिस्ट्रार विशाल रंजन ने बताया कि राहत-बचाव टीम में निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट, प्रशिक्षक दीप शाही व सौरभ रौतेला शामिल हैं।
 
 उत्तराखंड हिमालय की नामचीन पर्वत चोटियां और ट्रेकिंग रूट पर्वतारोहियों व पर्यटकों को हमेशा आकर्षित करते रहे हैं। वहीं रोमांच के सफर में हिमस्खलन का खतरा हर पल बरकरार रहता है। जहां 16 वर्ष पूर्व सतोपंथ आरोहण के दौरान लापता हुए भारतीय जवान का शव 10 दिन पहले ही मिला है, वहीं चमोली में स्थित त्रिशूल आरोहण के लिए गए नौसेना का दल हिमस्खलन की चपेट में आकर लापता हो गया है।
 
उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग व पिथौरागढ़ जनपद में सतोपंथ, चौखंबा, नंदा देवी समेत कई पर्वत चोटियां और ट्रेक रूट आते हैं। उत्तराखंड राज्य में 84 चोटियां पर्वतारोहण, ट्रैकिंग के लिए खुली हुई हैं। पिछले दिनों 42 नई चोटियों (पर्वत शिखरों) को भी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साहसिक पर्यटन के तहत पर्वतारोहण और ट्रैकिंग गतिविधियों के लिए खोलने को मंजूरी दे दी है।

राज्य में हर साल 24 से 30 के लगभग पर्वतारोहण अभियान होते हैं। इनसे शुल्क आदि से सरकार को प्रतिवर्ष औसतन 18 से 20 लाख की आय होती है। इन स्थानों पर ट्रेकिंग के दौरान रोमांच के साथ खतरा भी बना रहता है। वर्ष 2005 में भारतीय सेना का एक दल गंगोत्री की सबसे ऊंची चोटी सतोपंथ (7084 मीटर) के आरोहण के लिए गया था। इसके कुछ सदस्य हिमस्खलन की चपेट में आकर लापता हो गए थे। उनका कुछ पता नहीं चला।

हाल में भारतीय सेना का एक दल स्वर्णिम विजय वर्ष के उपलक्ष्य में दोबारा सतोपंथ चोटी के आरोहण के लिए गया था। उसे अभियान के दौरान 22 सितंबर को पूरे 16 साल बाद पूर्व में लापता एक जवान का शव मिला। सेना ने तत्कालीन और वर्तमान परिस्थितियों के आधार पर जवान के शव के नायक अवनीश त्यागी निवासी गाजियाबाद मोदीनगर यूपी होने की बात कही थी। उसके पार्थिव शरीर को पूरे सैन्य सम्मान के साथ घर भेजा गया। इस दल के कुछ सदस्य अब भी लापता हैं।