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Last Modified: पटना , रविवार, 2 जुलाई 2023 (00:40 IST)

बिहार में डोमिसाइल नीति की मांग को लेकर सड़क पर उतरे शिक्षक अभ्यर्थी, पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा

बिहार में डोमिसाइल नीति की मांग को लेकर सड़क पर उतरे शिक्षक अभ्यर्थी, पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा - Teacher candidates came on the road demanding domicile policy in Bihar
Demand for domicile policy in Bihar : बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा में दूसरे राज्यों के छात्रों को भी शामिल होने की अनुमति देने के सरकार के फैसले के खिलाफ शनिवार को बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे शिक्षक अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें कई अभ्यर्थी घायल हो गए।
 
राजधानी पटना के गांधी मैदान और डाक बंगला चौराहा पर बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे शिक्षक अभ्यर्थी सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे। इसी दौरान पुलिस ने उन्हें नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया, जिसमें 20 से अधिक छात्र घायल हो गए।
 
पुलिस उपाधीक्षक (विधि व्यवस्था) नुरुल हक ने कहा कि प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे थे और शहर के व्यस्त मार्गों पर यातायात को बाधित कर रहे थे इसलिए पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया। वहीं प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि वे पूर्व में आयोजित स्क्रीनिंग परीक्षा में शामिल हुए थे और उन्हें स्कूल शिक्षक के रूप में नियुक्त होने के लिए पात्र घोषित किया गया था।
 
तीन से चार साल के लंबे इंतजार के बाद उन्हें फिर से स्कूल शिक्षक के रूप में नियुक्त होने के लिए बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा आयोजित परीक्षा में बैठने के लिए कहा जा रहा है, जो उन्हें मंजूर नहीं है। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों ने कहा कि यह और भी अधिक परेशान करने वाली बात है कि जो लोग शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल नहीं हुए थे उन्हें भी बीपीएससी द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी गई। उन्होंने कहा कि अब बिहार के बाहर के छात्रों को भी भर्ती परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे दी गई है, जो उनके साथ घोर अन्याय है।
 
इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) रामविलास के अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान ने शिक्षक अभ्यर्थियों पर पुलिस लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा कि नीतीश सरकार ने 20 लाख लोगों को सरकारी नौकरी और रोजगार देने का वादा किया था लेकिन नौकरी देना तो दूर जो लोग नौकरी की मांग कर रहे हैं या उनके वादों को याद दिला रहे हैं उन पर उनकी पुलिस लाठी बरसा रही है, यह बेहद निंदनीय है।
 
उन्होंने कहा कि जो अभ्यर्थी तीन-चार साल पूर्व शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण हो गए और वे नियुक्ति का इंतजार कर रहे थे उन्हें फिर से पात्रता परीक्षा में शामिल होने के लिए कहना तथा इस परीक्षा में दूसरे प्रदेशों के छात्रों को भी अनुमति देने का नीतीश सरकार का फैसला बिहार के छात्रों के साथ अन्याय है।

नीतीश कुमार सरकार का यह फैसला बिहार के छात्रों के साथ अन्याय है। पासवान ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या तो अपना वादा पूरा करें या मुख्यमंत्री के पद से तुरंत इस्तीफा दें। (File photo) 
Edited By : Chetan Gour (एजेंसी)
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