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Last Updated : रविवार, 21 मई 2023 (19:42 IST)

अभयजी एवं प्रवासी साहित्य पर केंद्रित सदीनामा के दो विशेषांकों का लोकार्पण

अभयजी एवं प्रवासी साहित्य पर केंद्रित सदीनामा के दो विशेषांकों का लोकार्पण - Special Visheshank on padmashri abhay chhajlani
कोलकाता। भारतीय भाषा परिषद सभाकक्ष कोलकाता में सदीनामा पत्रिका और भारतीय भाषा परिषद ने सदीनामा पत्रिका के दो विशेषांकों का लोकार्पण किया। अभय छजलानी विशेषांक (मार्च 2023) और प्रवासी साहित्य विशेषांक इसमें शामिल थे। पद्मश्री से सम्मानित अभय छजलानीजी भारतीय पत्रकारिता जगत में एक बड़ा नाम हैं। इस मौके पर पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष सुवेन्दु अधिकारी भी मौजूद थे।  
 
अभयजी पर केंद्रित विशेषांक में विनय छजलानी, अभिषेक छजलानी, निर्मला भुराड़िया, डॉ. अभिज्ञात, राकेश अचल, नवीन जैन, संदीपसिंह सिसोदिया, जयदीप कर्णिक, सारंग क्षीरसागर, डॉ. भरत छापरवाल (वृजेन्द्रसिंह झाला), नवीन रांगियाल, शिवकुमार अभिषेक, प्रवीण शर्मा, रामशरण जोशी, जय नागड़ा, अजय बोकिल, मनोज श्रीवास्तव, विजय मनोहर तिवारी, विभूति शर्मा, पंकज मुकाती, रुचिता तुषार नीमा के लेख और संस्मरण शामिल हैं।  
वृजेन्द्रसिंह झाला, अनिरुद्ध जोशी, डॉ. अभिज्ञात और मीनाक्षी सांगानेरिया ने विशेषांक में संयोजन का कार्य किया है। विशेषांक में इंदौर के शशांक दुबे का व्यंग्य भी है। जीतेंद्र जीतांशु ने इसका संपादन किया है। 
इस अवसर पर वागर्थ पत्रिका के संपादक डॉ. शंभुनाथ, निदेशक तथा संपादक, प्रो. संजय कुमार जयसवाल, प्रिंसिपल, लाल बाबा कॉलेज, कमलेश कुमार पांडे, हिन्दी विभाग अध्यक्ष, सेंट पॉल कॉलेज, जनसत्ता के पूर्व सम्पादक, शैलेंद्र शांत, डॉ. अभिज्ञात, कवि लेखक, पत्रकार तथा आलोक बच्छावत (अभय छजलानी के नजदीकी रिश्तेदार) और समाजसेवी और अन्य लोग उपस्थित थे।
 
सदीनामा और भारतीय भाषा परिषद ने दो दिवसीय प्रवासी साहित्य में भारतीयता विषय पर सेमिनार आयोजित किया था। 
प्रवासी साहित्य विशेषांक सेमिनार पर आधारित है। इसमें तेजेन्द्र शर्मा, डॉ. पलासी विश्वास, दिव्या प्रसाद, कुंवर वीर सिंह मार्तंड, पूर्णिमा बर्मन, डॉ. इंदू सिंह, राहुल शर्मा, तरुण कुमार, देवी नागरानी, डॉ. कार्तिक चौधरी, रेणुका अस्थाना, डॉ. रेशमी पांडा मुखर्जी, डॉ. चंद्रमौली सेनगुप्ता, डॉ. अनीता उपाध्याय, श्रद्धा टिबड़ेवाल, शिप्रा मिश्रा के लेख इसमें शामिल हैं। संयोजन कथाकार रेणुका अस्थाना ने किया। 
 
मीनाक्षी सांगानेरिया ने सह संपादकीय लिखी। इसमें दो कहानियां भी है, 'वह मांजी लाखों में एक थी' अर्चना  पैन्यूली, 'मोह के धागे' वीणा विज उदित तथा इसके सम्पादक है जीतेंद्र जीतांशु।
 
कार्यक्रम के संयोजक, संचालक और परिकल्पनाकार जीतेंद्र जीतांशु थे। अभय छजलानी विशेषांक पर डॉ. अभिज्ञात ने वक्तव्य रखा। प्रवासी साहित्य विशेषांक पर प्रो. दिव्या प्रसाद तथा अन्य ने वक्तव्य रखा। कार्यक्रम के संयोजक मंडल में कई लोग शामिल थे।

कार्यक्रम में कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया। रामनारायण झा, रमेश शर्मा, रचना सरन, श्वेता गुप्ता, ओम प्रकाश मिश्र, उषा जैन, संजय कुमार जायसवाल, गोपालजी, आशा उपाध्याय, सोहेल खान सोहेल, मीनाक्षी सांगानेरिया, अंबर सिद्दीकी, मुर्शीद बर्नपुरी, अशरफ याकूबी, रचना सरन, सेराज खान बातिश, जीतेंद्र जीतांशु तथा शैलेंद्र शांत ने अपनी रचनाएं सुनाईं।  Edited By : Sudhir Sharma
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