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Last Modified: शनिवार, 4 फ़रवरी 2023 (23:03 IST)

Joshimath landslide : धीमी गति से चल रहा जोशीमठ आपदा प्रभावितों के लिए शेल्टर निर्माण का कार्य

Joshimath landslide : धीमी गति से चल रहा जोशीमठ आपदा प्रभावितों के लिए शेल्टर निर्माण का कार्य - Shelter construction work going on at a slow pace for Joshimath disaster affected
जोशीमठ। मलारी हाईवे पर जोशीमठ से 12 किमी दूर ग्राम पंचायत ढाक में 500 स्क्वायर फुट भूमि पर 15 टूबीएचके प्री फ्रेबिकेटेड शेल्टर का निर्माण सुस्त रफ्तार से चल रहा है।यहां भूमि समतल करने के बाद गड्ढे खोदने और भवन की नींव डालने का काम चल रहा है। ग्राम ढाक में वन पंचायत, ग्राम पंचायत और सरकार की 700 नाली भूमि उपलब्ध है। जिसमें से 4000 स्क्वायर फुट भूमि पर जोशीमठ के आपदा प्रभावितों का पुनर्वास किया जाना है।

प्री फ्रेबिकेटेड शेल्टर बनाने का डिजाइन भारतीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की ने तैयार किया है। इसमें एक भवन 48.29 स्क्वायर मीटर पर बनाया जाना है।भवनों के बीच 20 फुट चौड़ी सड़क भी बनाई जाएगी, जिसे हाईवे से अप्रोच रोड के जरिए जोड़ा जाएगा।

ढाक में विस्थापन के लिए चयनित भूमि जोशीमठ-मलारी हाईवे पर स्थित होने से जहां इसकी सड़क से कनेक्टिविटी है वहीं इसके पास में ढाक गदेरा होने से पानी की भी कमी नहीं होगी। ढाक में पोलिटेक्नीक कॉलेज, प्राथमिक विद्यालय और जूनियर हाईस्कूल भी है। यहां से तीन किमी की दूरी पर तपोवन इंटर कॉलेज भी है।

जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बुधवार को जोशीमठ आपदा प्रभावितों के पुनर्वास हेतु निर्माणाधीन प्रीफ्रेब्रिकेटेड कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया था। उन्होंने कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया कि निर्माण कार्यों में तेजी लाते हुए जल्द से जल्द कार्य पूर्ण करें। कहीं पर समस्या हो तो तत्काल संज्ञान में लाया जाए।

ढाक गांव में भूमि समतलीकरण के बाद प्री फैब कॉलोनी के लिए प्लिंथ लेवल का कार्य लगभग पूर्ण हो गया है। विद्युत व्यवस्था के लिए यहां पर विद्युत पोल लगाए जा चुके हैं। पेयजल व्यवस्था हेतु जल संस्थान के माध्यम से कार्यवाही आरंभ कर दी गई है।

इस दौरान जिलाधिकारी राहत शिविरों में रह रहे प्रभावितों लोगों से भी मिले और शिविरों में रहन-सहन व्यवस्था का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान एसडीएम कुमकुम जोशी, आरडब्‍ल्‍यूडी के अधिशासी अभियंता अला दिया, सहायक अभियंता एलपी भट्ट आदि उपस्थित रहे।

जोशीमठ में भू-धंसाव की स्थिति में ठहराव आया है। दरार वाले भवनों की संख्या स्थिर बनी हुई है। भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्रों में 863 भवनों में दरारें आई हैं। इनमें से 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में हैं। जेपी परिसर जोशीमठ में पानी का रिसाव 540 एलपीएम से घटकर 17 एलपीएम मापा गया है।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चमोली द्वारा जोशीमठ नगर क्षेत्र में भू-धंसाव को लेकर जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षा के दृष्टिगत जिला प्रशासन द्वारा वर्तमान में 243 परिवारों के 878 सदस्यों को विभिन्न सुरक्षित स्थानों पर अस्थाई रूप से विस्थापित किया गया है, जबकि 53 परिवारों के 117 सदस्य किराए पर चले गए है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर प्रभावितों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है, जिसके तहत राहत शिविरों में रह रहे 1374 से अधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है।जिला मजिस्ट्रेट चमोली द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 33 व 34 का प्रयोग करते हुए नगर क्षेत्र अंतर्गत वार्ड संख्या 1, 4, 5 व 7 के अंतर्गत आने वाले अधिकांश क्षेत्रों को असुरक्षित घोषित करते हुए इन वार्डों को खाली करवाया गया है।
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