गुजरात में सरदार सरोवर नर्मदा बांध के जल स्तर में 12 मीटर का इजाफा
वडोदरा। गुजरात में जलापूर्ति की जीवनरेखा कहे जाने वाले सरदार सरोवर नर्मदा बांध के जलाशय के जलस्तर में पिछले लगभग एक पखवाड़े 12 मीटर की जबरदस्त वृद्धि हुई है और इसके चलते बिजली उत्पादन के स्तर के लिए जरूरी जलस्तर के ऊपर के जीवंत संग्रहण (लाइव स्टोरेज) में भी खासा इजाफा हुआ है और यह ऐसी कुल संग्रहण क्षमता के 30 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया है।
नर्मदा परियोजना के यहां स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार गत 17 अगस्त से जलस्तर में बढ़त का सिलसिला सोमवार को भी जारी है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में नर्मदा नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में हुई वर्षा के कारण बढ़ी पानी की आवक के चलते गत 17 अगस्त को जब जलस्तर 111.08 मीटर था, से इसमें वृद्धि शुरू हुई थी।
सोमवार को दोपहर 12 बजे यह 123.16 मीटर तक पहुंच गया था। पानी की आवक 40,664 घनफुट प्रति सेकंड यानी क्यूसेक तथा जावक यानी बहिस्राव मात्र 4,863 क्यूसेक था। मध्य गुजरात के केवड़िया स्थित इस महत्वपूर्ण बांध और जलाशय के जरिए ही राज्य की आधी आबादी यानी 3 करोड़ लोगों को पेयजल की आपूर्ति होती है।
पिछले साल इस पर लगे 30 दरवाजों को बंद करने के बाद से इसमें जलसंग्रहण की अधिकतम ऊंचाई (ओवरफ्लो स्तर) पूर्व के 121.92 मी. से बढ़कर 138.48 मी. हो गया था। इस परियोजना के तहत नदी से जुड़े 6 पनबिजली इकाई 200 गुना 6 मेगावॉट यानी 1,200 मेगावॉट तथा मुख्य नहर से जुड़ी 5 इकाइयां 50 गुना 5 मेगावॉट यानी 250 मेगावॉट के संचालन के लिए न्यूनतम जलस्तर 110.64 मी. है।
पर्याप्त जलस्तर होने के बावजूद नहर से जुड़ी मात्र एक इकाई को ही चलाया जा रहा है। जीवंत जल संग्रहण का स्तर दोपहर 12 बजे 1,790.49 मिलीयन घनमीटर (एमसीएम) था, जो ऐसी कुल क्षमता 5,845.87 एमसीएम के 30.5 प्रतिशत से भी अधिक था। (वार्ता)