शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Omar Abdullah remembers Atal Ji, we can change friends but not neighbors
Last Updated :श्रीनगर , मंगलवार, 5 नवंबर 2024 (20:51 IST)

उमर अब्दुल्ला को याद आए अटल जी, हम दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं

उमर अब्दुल्ला को याद आए अटल जी, हम दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं - Omar Abdullah remembers Atal Ji, we can change friends but not neighbors
Omar Abdullah remembers Atal ji: मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (CM Omar Abdullah) ने मंगलवार को कहा कि अगर केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) का नजरिया अपनाया होता तो जम्मू-कश्मीर की यह हालत नहीं होती। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में श्रद्धांजलि सभा के दौरान अब्दुल्ला ने पूर्व प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि वाजपेयी ने ‘हमेशा जम्मू-कश्मीर में स्थिति को सुधारने की कोशिश की।’
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वाजपेयी 1999 में पहली दिल्ली-लाहौर बस से पाकिस्तान गए थे, तो उन्होंने मीनार-ए-पाकिस्तान का दौरा किया था जो ‘आसान नहीं ’था। सदन के नेता अब्दुल्ला ने कहा कि फिर वह सरहद पर खड़े हो गए और कहा कि हम दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं। वाजपेयी ने कहा था कि बातचीत ही एकमात्र रास्ता है। उन्होंने असफलताओं का सामना करने के बावजूद बार-बार दोस्ती का हाथ बढ़ाया। ALSO READ: जब तक आतंकवादी घुसपैठ करते रहेंगे, मारे जाते रहेंगे : फारूक अब्दुल्ला
 
मैंने वाजपेयी के साथ काम किया है : अब्दुल्ला ने कहा कि मैं उन्हें (वाजपेयी को) जानता हूं और उनकी मंत्रिपरिषद के एक मंत्री के रूप में उनके साथ काम किया है। जब हम वाजपेयी को याद करते हैं, तो हम उन्हें जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में याद करते हैं। उन्होंने हमेशा जम्मू-कश्मीर में स्थिति को सुधारने की कोशिश की, उन्होंने तनाव कम करने की कोशिश की। ALSO READ: कौन हैं सुरिंदर चौधरी, उमर अब्दुल्ला ने क्यों बनाया डिप्टी सीएम?
 
अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के आरपार के रास्तों को खोलने के लिए काम किया जो बाद में फिर से बंद हो गए। वह लोगों को करीब लाना चाहते थे। उन्होंने नागरिक समाज को करीब लाने की कोशिश की। आज हमें अलग रखने की कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर वाजपेयी का नजरिया अपनाया गया होता तो जम्मू-कश्मीर की यह हालत नहीं होती। ALSO READ: Omar Abdullah : उतार-चढ़ाव भरा रहा उमर का सियासी सफर, अब्दुल्ला परिवार की तीसरी पीढ़ी है यह
 
प्रणब मुखर्जी को श्रद्धांजलि : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को श्रद्धांजलि देते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि उनके जीवन से बहुत कुछ सीखने को मिला। उन्होंने कहा कि मुखर्जी के पास कोई ‘गॉडफादर’ नहीं था और उन्हें राजनीति में कोई लेकर नहीं आया था। उन्होंने कड़ी मेहनत की थी। उन्होंने कहा कि मुखर्जी ने अपने सभी पदों के साथ न्याय किया।
 
सदन के नेता ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी और उनके पूर्व सहयोगी और भाजपा नेता देवेंद्र सिंह राणा सहित अन्य को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। राणा का पिछले सप्ताह निधन हो गया था। राणा के बारे में उन्होंने कहा कि अगर किसी सहकर्मी के खोने का मुझे दुख है, तो वह राणा थे। चुनावी प्रतिद्वंद्विता में हमने कड़वी बातें कही थीं। लेकिन, मुझे नहीं पता था कि वह इतने बीमार हैं। अगर मुझे पता होता तो मैंने हमारे संबंधों को सुधारने की कोशिश की होती।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धांजलि देने के लिए तैयार की गई दिवंगत लोगों की सूची में शामिल सभी 56 लोगों ने जनता की सेवा के लिए कुछ न कुछ किया है। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala