युवक की मौत पर परिवार को मिलेंगे 13.67 लाख रुपए
नई दिल्ली। मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने सड़क दुर्घटना में मारे गए 18 वर्षीय युवक के परिवार को बतौर मुआवजा 13.67 लाख रुपए देने का आदेश बीमा कंपनी को दिया है। एमएसीटी के पीठासीन अधिकारी राजीव बंसल ने आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (बाइक के बीमाकर्ता) को पीड़ित देवजीत बेन की मां, भाई ओर बहन को 13,67,856 रुपए देने का आदेश दिया है। देवजीत की मौत पिछले साल उस समय हो गई थी जब उसका वाहन एक रिक्शा से जा टकराया था। वह बाइक पर चालक के पीछे बैठा था।
न्यायाधिकरण ने मामले में चश्मदीदों की गवाही, प्राथमिकी, आरोप-पत्र, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और यांत्रिक निरीक्षण रिपोर्ट सहित अन्य दस्तावेजों के आधार पर याचिका पर फैसला लिया है। याचिका के अनुसार 14 जून 2016 को देवजीत बाइक पर चालक अभिनंदन के पीछे बैठा था। दोनों सरिता विहार से दक्षिण दिल्ली के मदनपुर खादर स्थित अपने घर जा रहे थे।
बाइक जल्दबाजी में लापरवाही से चलाई जा रही थी, जिस कारण वह एक साइकिल रिक्शा से जा टकराई। हादसे में दोनों नीचे गिर गए और उन्हें काफी चोटें आईं। पीड़ित को एम्स के ट्रोमा सेंटर ले जाया गया जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत लाया घोषित कर दिया।
सुनवाई के दौरान बीमा कंपनी ने आरोप लगाया था कि बाइक चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था और इसलिए वह याचिकाकर्ता को मुआवजा देने को बाध्य नहीं है। न्यायाधिकरण ने बीमा कंपनी को मुआवजा देने का आदेश दिया है लेकिन पीड़ित के परिवार को भुगतान के बाद उन्होंने बाइक चालक और वाहन के मालिक से नौ प्रतिशत ब्याज पर राशि वसूलने की अनुमति भी दे दी है। (भाषा)