खत्म हुआ मराठा आरक्षण आंदोलन, जरांगे ने शिंदे के हाथों पिया जूस
Maharashtra reservation movement finished : मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हाथों जूस पीकर अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी। जरांगे ने अपनी मांगों को लेकर एक दिन पहले भूख हड़ताल शुरू की थी।
शिंदे ने जरांगे से नवी मुंबई के वाशी में मुलाकात की। जरांगे शुक्रवार रात को वाशी पहुंचे थे और वह एवं उनके हजारों समर्थक रात भर वहीं रहे।
जरांगे ने मुख्यमंत्री द्वारा जूस पिलाए जाने के बाद अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल समाप्त कर दी। जरांगे (40) ने शुक्रवार से दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल करने की योजना बनाई थी जिसके बाद उनकी मांगों पर चर्चा के लिए सरकारी अधिकारियों ने शुक्रवार को वाशी में उनके साथ कई बैठकें कीं।
महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार रात जरांगे की विभिन्न मांगों के संबंध में उन्हें एक मसौदा अध्यादेश भेजा था। इसके बाद जरांगे ने शनिवार सुबह अपना प्रदर्शन समाप्त करने की घोषणा की और कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने उनकी सभी मांगें मान ली हैं।
जरांगे ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि सरकार ने मराठा समुदाय के लोगों के उन सभी रिश्तेदारों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करने के लिए एक अधिसूचना जारी की है, जिनके रिकॉर्ड (कुनबी जाति से जुड़े) पाए गए हैं।
जरांगे ने शुक्रवार को एक नई मांग करते हुए कहा था कि जब तक आरक्षण का लाभ पूरे मराठा समुदाय को नहीं मिल जाता तब तक महाराष्ट्र सरकार अपनी मुफ्त शिक्षा नीति में संशोधन करके समुदाय के सभी लोगों को इसका लाभ दे।
उन्होंने राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए 37 लाख कुनबी प्रमाणपत्रों का आंकड़ा मांगा था। कुनबी एक कृषक समुदाय है जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आता है और जरांगे मराठा समुदाय के सभी लोगों के लिए कुनबी प्रमाणपत्र जारी किए जाने की मांग कर रहे हैं।
Edited by : Nrapendra Gupta