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Last Updated : बुधवार, 7 सितम्बर 2022 (00:09 IST)

प्रशासन ने नहीं इस बार स्थानीय लोगों ने ही ढहा दिया मदरसा, चलती थी आतंक की पाठशाला! जानें पूरा मामला

प्रशासन ने नहीं इस बार स्थानीय लोगों ने ही ढहा दिया मदरसा, चलती थी आतंक की पाठशाला! जानें पूरा मामला - local people demolished the madrasa
गुवाहाटी/गोवालपारा। असम के गोवालपारा जिले में स्थानीय लोगों ने एक मदरसे और उससे सटे एक मकान को कथित रूप से जिहादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए जाने के विरोध में मंगलवार को ढहा दिया। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि स्थानीय लोगों ने मदरसे को ध्वस्त करने की पहल की है।
 
पुलिस और जिला प्रशासन इस घटना में शामिल नहीं हैं। ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि राज्य सरकार को शिक्षण संस्थानों पर बुलडोजर नहीं चलाना चाहिए। गोवालपारा के पुलिस अधीक्षक वीवी राकेश रेड्डी ने कहा कि मटिया थानाक्षेत्र के पखिउरा चार में इस मदरसे और उससे सटे मकान का दो बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा कथित रूप से जिहादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। उसके अनुसार दोनों बांग्लादेशी नागरिक फिलहाल फरार हैं।
 
राज्य प्रशासन द्वारा मदरसों को ढहाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को ध्वस्त करना सही नहीं है, चाहे वह मदरसा हो या कोई अन्य शैक्षणिक या धार्मिक संस्थान। बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि यदि कोई 'जिहादी' पाया जाता है, तो राज्य को मामले की उचित जांच करनी चाहिए और देश के कानून के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए। अगर कोई अदालत विध्वंस का आदेश देती है, तो यह ठीक है लेकिन अचानक किसी भी संस्थान को ढहाना स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
 
मदरसे के मौलवी जलालुद्दीन शेख की गिरफ्तारी के बाद ही राष्ट्र विरोधी गतिविधि के लिए मदरसा परिसर के इस्तेमाल के बारे में पता चला था। पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार मौलवी जलालुद्दीन शेख ने कथित तौर पर दोनों बांग्लादेशी नागरिकों को दरोगर अलगा पखिउरा चार मदरसा के शिक्षकों के रूप में नियुक्त किया था। उनके मुताबिक हाल ही में मौलवी को दोनों बांग्लादेशी नागरिकों के साथ संबंधों के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह मदरसा असम में ढहा दिया जाने वाला चौथा मदरसा है।
 
पुलिस अधिकारी ने कहा कि स्थानीय लोगों ने जिहादी गतिविधियों के प्रति तीखी नाराजगी जताते हुए स्वेच्छा से मदरसे और उससे सटे मकान को ढहा दिया। उन्होंने बताया कि फरार बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान अमीनुल इस्लाम उर्फ उस्मान उर्फ मेहदी हसन और जहांगीर आलम के रूप में की गई है तथा दोनों भारतीय उपमहाद्वीप में सक्रिय अल कायदा के संगठन (एक्यूआईएस)/अंसारुल बांग्ला टीम (एबीटी) के सदस्य हैं।(भाषा)(सांकेतिक चित्र)
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