8 साल से पेड़ में बंधी थी जिंदगी, खजूरभाई आए मसीहा की तरह सामने
आज की भागदौड़भरी जिंदगी में जहां किसी का हालचाल पूछने तक का का वक्त नहीं है, वहीं एक शख्स ने समाज से बेसहारा हो चुके एक युवक की जान बचाकर इंसानियत की मिसाल कायम की है। उसका नाम नितिन जानी है। दया का सागर, कोई आवाज दे दौड़कर आने वाला ऐसे आदमी यानी नितिन जानी को लोग खजूरभाई और जिगली-खजूर के नाम से भी जानते हैं।
खजूरभाई इस समय इसलिए चर्चा में हैं, क्योंकि उसने 22 साल के एक शख्स की मदद की है, जो पिछले 8 साल से एक पेड़ से जंजीर में जकड़ा हुआ था। युवक का नाम महेश अनियार है और पिछले 6 साल से बबूल के पेड़ के नीचे बिना कपड़ों के रह रहा है। वो वहां से कहीं जा भी नहीं सकता, क्योंकि उसे बांध दिया गया है। लेकिन जब नितिन जानी को इस बात का पता चला तो कॉमेडी स्टार और गरीबों का मसीहा खजूरभाई इस युवक की मदद के लिए दौड़ पड़े।
क्या है इस युवक की कहानी? : इस दुखी परिवार की कहानी बोटाद जिले के सरवा गांव की है। जहां प्रागजीभाई अनियार का परिवार मजदूरी कर अपना जीवन-यापन करता है। प्रागजीभाई का बेटा महेश एक होटल में काम करता था। पहले वह ठीक था लेकिन होटल में हुए झगड़े से उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ गई। परिवार के पास इलाज कराने के लिए पैसे नहीं हैं और पिछले 6 साल से सूखे बबूल के पेड़ से लोहे की जंजीर से बांधा गया है, क्योंकि जब यह सामने आता है तो लोगों पर हमला कर देता है और नंगा घूमता रहता है इसलिए उसका परिवार उसे बांधे रखने को मजबूर है।
खजूरभाई इस गांव पहुंचे तो उन्होंने परिवार की स्थिति और समस्या को जाना। आज तक इस परिवार को किसी की कोई मदद नहीं मिली। लेकिन खजूरभाई ने 2 दिन में परिवार की जरूरत का सामान यानी घर, पानी और बिजली मुहैया कराने का वादा किया और यह काम वर्तमान में पूरे जोरों पर है।