शुक्रवार, 20 सितम्बर 2024
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कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्‍स फाउंडेशन ने असम के बाल विवाह के पीडि़तों की मदद और पुनर्वास की उठाई मांग

कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्‍स फाउंडेशन ने असम के बाल विवाह के पीडि़तों की मदद और पुनर्वास की उठाई मांग - kailash satyarthi foundation
बाल विवाह के खिलाफ कठोर एवं अनुकरणीय कार्रवाई के लिए असम सरकार का स्वागत करते हुए, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्‍स फाउंडेशन बाल विवाह की पीड़िताओं के पुनर्वास के लिए नई योजना प्रस्तावित की है।
 
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्‍थापित कैलाश सत्यार्थी चिल्‍ड्रेन्‍स  फाउंडेशन ने बाल विवाह को खत्म करने और इसके दोषियों को दंडित करने के लिए असम सरकार के निर्णायक कार्रवाई का स्वागत किया है। बाल संरक्षण के लिए कानून लागू कर असम सरकार सरकार द्वारा की गई कार्रवाई देश में किसी भी राज्य सरकार द्वारा उठाया गया पहला कठोर कदम है। 
 
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्‍स फाउंडेशन (केएससीएफ) ने असम सरकार से मांग की है कि पीड़िताओं को विशेष वित्तीय और कानूनी सहायता प्रदान करने के साथ इनके पुनर्वास की उचित व्यवस्था की जाए। 
 
केएससीएफ ने पीड़िताओं का राहत देने के लिए एक नई योजना लाने की अपील की है। 
इस योजना में चार प्रस्ताव शामिल हैं। सबसे पहले, हर उस लड़की को जिसके पति को गिरफ्तार कर लिया गया है और जब तक उसके पति को जमानत नहीं मिलती तब तक , मुख्यमंत्री राहत कोष से वित्तीय सहायता के रूप में 2,000 रुपये तत्काल जारी हो। दूसरा, जहां पुलिस ने “यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012” की धाराओं के साथ “बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006” की धाराएं लगाई हैं, उन सभी मामलों में राज्य और जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को उन सभी लड़कियों को एक सप्ताह के भीतर अंतरिम मुआवजा देने का निर्देश दिया जाना चाहिए। तीसरा, अगर लड़कियां अपनी शादी को अमान्य घोषित करना चाहती हैं तो उन्हें कानूनी सहायता दी जानी चाहिए। आखिरी और चौथा प्रस्ताव है कि बाल विवाह से पैदा हुए बच्चों को वे सारी सुविधाएं और सहायता दी जानी चाहिए जो कि किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम के तहत मदद के हकदार हैं।
 
इसके अलावा कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन सभी जिलों में बच्‍चों के शोषण के खिलाफ जागरूकता फैलाने के साथ-साथ बाल पीड़ितों की कानूनी सहायता एवं पुनर्वास और यौन शोषण के शिकार एवं यौन संबंध से बच्चों की रोकथाम (पॉक्सो) अधिनियम के तहत पीड़ित बच्चों की सहायता भी कर रही है। 
 
असम सरकार का यह दृढ़ कदम नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के उस आह्वान के अनुरूप है, जिसमें उन्होंने 16 अक्टूबर, 2022 को बाल विवाह के खिलाफ दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा जमीनी स्तर का राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया था। इस राष्ट्रव्यापी अभियान में 2 करोड़ लोगों की भागीदारी थी जिसका नेतृत्व 75,000 से अधिक महिलाओं और बच्चों ने देश भर में 10,000 से अधिक गांवों में किया। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन उन अग्रणी संगठनों में भी एक था, जो नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी जी के आह्वान पर अन्य सिविल सोसायटी संगठनों के साथ इस राष्ट्रव्यापी अभियान में शामिल हुए थे। 
 
अभियान के दौरान असम हमारे फोकस राज्यों में से एक रहा था। यह एक सकारात्मक संकेत है कि राज्य सरकार ने राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू होने के कुछ सप्ताह बाद बच्चों के खिलाफ अपराधों के दोषियों को दंडित करने के लिए साहसिक कदम उठाए हैं।
 
बाल विवाह के विरुद्ध असम सरकार की कठोर कार्रवाई की सराहना करते हुए, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्‍स फाउंडेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर रियर एडमिरल राहुल कुमार श्रावत (रिटायर्ड)एवीएसएम ने कहा, “हमारा संगठन बाल विवाह को समाप्त करने और इसके दोषियों को दंडित करने के लिए असम सरकार द्वारा की गई कठोर कार्रवाई की सराहना करता है।
 
 बच्चों की सुरक्षा के लिए बाल विवाह के विरुद्ध असम सरकार की कार्रवाई देश में किसी भी राज्य सरकार द्वारा उठाया गया पहला कठोर कदम है। हम राज्य सरकार से अनुरोध करते हैं कि कार्रवाई से पैदा हुए मौजूदा हालात में मानवीय पहलुओं की ओर भी ध्यान दें। बाल विवाह की पीड़ित कम उम्र की लड़कियां हैं, ऐसे में राज्य सरकार इनकी मुसीबत कम करने के लिए पुनर्वास और मुआवजा प्रदान करने के हमारे प्रस्ताव पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करे।”