ED ने दिया है समन
पत्नी को कमान देने की थी अटकलें
भाजपा पर लगाया साजिश का आरोप
hemant soren will remain jharkhand cm : झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के अध्यक्ष हेमंत सोरेन (Hemant Soren) मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे। रांची में JMM विधायकों की हुई बैठक में इसका फैसला लिया गया। अटकलें लगाईं जा रही थीं कि हेमंत सोरेन इस्तीफा देकर अपनी पत्नी कल्पना को मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि विधायकों की बैठक के बाद इन अटकलों पर विराम लग गया। मीडिया खबरों के मुताबिक बैठक में 43 विधायक थे। यह फैसला लिया गया है कि हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री हैं और आने वाले दिनों में भी वे ही मुख्यमंत्री रहेंगे।
सीएम हेमंत सोरेन के आवास पर बैठक के बाद JMM सांसद महुआ मांझी ने कहा कि उन्होंने ED की तरफ से भेजे गए 7वें समन का जवाब दे दिया है। हेमंत सोरेन ने सरकार बनाई है। बीजेपी सरकार को बर्खास्त करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि वे लड़ने के लिए तैयार हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि वे झारखंड के मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
मुख्यमंत्री के करीबियों के यहां छापे : प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों ने झारखंड में कथित अवैध खनन में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार, साहिबगंज जिले के अधिकारियों और एक पूर्व विधायक के परिसरों पर बुधवार को छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि झारखंड में कई स्थानों समेत राज्य की राजधानी रांची और राजस्थान में एक परिसर पर मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत केंद्रीय एजेंसी छापेमारी कर रही है।
सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी के अधिकारी सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू, साहिबगंज के जिलाधिकारी, पूर्व विधायक पप्पू यादव, जेल विभाग के कुछ अधिकारियों और एक पुलिस कांस्टेबल के परिसरों की तलाशी ले रहे है।
छापेमारी की कार्रवाई के दौरान ईडी अधिकारियों के साथ केंद्रीय सुरक्षा बलों का एक सशस्त्र दल भी साथ में है।
इससे पहले ईडी इस मामले में प्रसाद से पूछताछ कर चुकी है। सूत्रों ने कहा कि ये कार्रवाई मामले में नई सूचना मिलने के बाद की गई।
छापेमारी ऐसे दिन हुई है जब राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायक कथित रूप से जमीन हड़पने के मामले में मुख्यमंत्री को ईडी के समन की पृष्ठभूमि में वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा करने के लिए यहां बैठक कर रहे हैं।
सोरेन सरकार को गिराने की साजिश : पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा कि ईडी के छापे सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सभी प्रयासों का उद्देश्य सोरेन सरकार को गिराना है। उन्होंने कहा कि वह पिछले लगभग चार दशक से राजनीति में हैं लेकिन सरकारी एजेंसियों का इतना खुला दुरुपयोग कभी नहीं देखा।
ईडी 2022 से राज्य में कथित अवैध खनन से अर्जित 100 करोड़ रुपये की आपराधिक आमदनी के स्रोत की जांच कर रही है। मनी लॉन्ड्रिंग की जांच तब शुरू हुई जब ईडी ने जुलाई, 2022 में राज्य में अवैध खनन के मामले में सोरेन के राजनीतिक सहयोगी पंकज मिश्रा और उनके कथित सहयोगियों के परिसरों पर छापा मारा और टोल प्लाजा निविदाओं के संचालन में कथित अनियमितताओं और राज्य में अवैध खनन की घटनाओं की जांच के तहत झारखंड के साहिबगंज, बरहेट, राजमहल, मिर्जा चौकी और बरहरवा में 19 स्थानों पर छापेमारी की।
ईडी ने कहा था कि जांच के दौरान एकत्र किए गए साक्ष्य में विभिन्न व्यक्तियों के बयान, डिजिटल सबूत और दस्तावेज शामिल हैं। एजेंसी के अनुसार इन सबूतों से पता चला कि आरोपियों से जब्त की गई धनराशि वन क्षेत्र सहित साहिबगंज क्षेत्र में बड़े पैमाने पर किए जा रहे अवैध खनन से प्राप्त की गई थी। इनपुट भाषा Edited By : Sudhir Sharma