झारखंड के युवाओं के डिजिटल सशक्तीकरण के लिए उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, झारखंड ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की एसपीवी-सीएससी के साथ मिलकर राज्य के 300 में से 159 महाविद्यालयों में छात्र संसाधन केंद्र (एसआरसी) की स्थापना की है। ये केंद्र छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ उनके कौशल और व्यक्तित्व विकास में भी मदद करेंगे और उन्हें महाविद्यालय परिसर में ही कई तरह के सरकारी और गैरसरकारी सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी करेंगे।
सीएससी शेष महाविद्यालयों में भी एसआरसी की स्थापना करेगी। इसके लिए सीएससी राज्य के सभी महाविद्यालय प्रबंधन के संपर्क में है। इन केंद्रों पर युवाओं को केवल डिग्रीधारकों के टैग से बाहर निकालकर उद्योग के लिए तैयार किया जाएगा और उन्हें प्रतिस्पर्धी नौकरी परिदृश्य के लिए तैयार किया जाएगा।
इसके अलावा सीएससी देश की अग्रणी एडुटेक कंपनी टीमलीज के साथ मिलकर झारखंड के युवाओं के लिए कमाई भी और पढ़ाई भी योजना शुरू की है। इसमें झारखंड के जिन छात्रों का चयन होगा, उन्हें प्रतिमाह 10 हजार रुपए मिलेंगे और ये छात्र पढाई के साथ-साथ कमाई भी कर सकेंगे।
इस योजना के तहत अभी राज्य में सात छात्रों का नामांकन किया गया है और उन्हें पिछले दिनों रांची के झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जेटीयू), नामकुम में आयोजित राज्यस्तरीय एसआरसी लर्निंग को-ऑर्डिनेटर कार्यशाला में कंफर्मेशन लेटर भी प्रदान किया गया। सीएससी के अनुसार इस योजना के तहत 40 और छात्रों की स्क्रीनिंग हुई है और इन्हें भी जल्दी ही कन्फर्मेशन लेटर दे दिया जाएगा।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के परामर्श पर झारखंड सरकार युवाओं और छात्रों के डिजिटल सशक्तीकरण के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है जिसमें ई-लर्निंग सेवाओं की ई-सामर्थ्य पोर्टल, एबीसीआईडी कार्ड, लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम आदि शामिल हैं। इन योजनाओं के क्रियान्वयन में ग्रामीण भारत में आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर की रीढ़ सीएससी को शामिल किया गया है।
कार्यशाला का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राहुल पुरवार सचिव, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग झारखंड ने किया। राहुल पुरवार ने SRC प्रोजेक्ट की सराहना की और कहा कि यह प्रोजेक्ट छात्रहित में निश्चित रूप से एक क्रांतिकारी पहल है। SRC प्रोजेक्ट के अंतर्गत कार्यरत लर्निंग को-ऑर्डिनेटर ई-लर्निंग सेवाओं की ई-सामर्थ्य पोर्टल, एबीसी आईडी कार्ड, लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम जैसे कार्यों के लिए को-ऑर्डिनेटर के रूप में कार्य करेंगे।
इन लर्निंग को-ऑर्डिनेटर के माध्यम से छात्रों को अपने महाविद्यालय परिसर में ही विविध डिजिटल सेवाएं प्राप्त करने मेंमदद मिलेगी। उनके अनुसार ये केंद्र न केवल छात्रों को रोजगार के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करेगा बल्कि राज्य के लिए एक डिजिटली सशक्त और बेहतर जानकार नागरिक तैयार करेगा।
सीएससी-एसपीवी के सीओओ अक्षय झा ने कार्यशाला में उपस्थित सभी लोगों से कहा कि मैनेजमेंट सिस्टम जरिये उन्नत शैक्षिक एवं तकनीकी शिक्षण कार्यक्रम से जोड़ सकते हैं।
कार्यशाला की शुरुआत सीएससी के अनुपम उपाध्याय ने की। उन्होंने एसआरसी प्रोजेक्ट की विस्तृत जानकारी दी एवं राज्य के विभिन्न महाविद्यालयों में छात्र संसाधन केंद्रों की स्थिति से अवगत कराया।
टीमलीज ऐड टेक के सीईओ शांतनु रूज ने बताया कि हम छात्रों के लिए एक ऐसा प्लेटफॉर्म लाने की पहल कर रहे हैं जिसमें छात्रों की कमाई और पढ़ाई दोनों साथ-साथ होगी यानी हमारे 3 साल के कोर्स के दौरान छात्रों का कोर्स पूरा होने के पहले ही प्लेसमेंट की सुविधा उपलब्ध रहेगी जिससे उन्हें अप्रेंटिसशिप के माध्यम से नियमित आय भी अर्जित होती रहेगी और वे आगे पढ़ाई भी कर सकेंगे।
सीएससी के वाइस प्रेसीडेंट नवीन शर्मा ने कार्यशाला के सभी प्रतिभागियों के साथ सीआरसी जेक्ट को लेकर आगे की रणनीति पर विस्तृत चर्चा की। कार्यशाला में ई-सामर्थ्य पोर्टल की भी चर्चा की गई। वैल्यू इन इनोवेशन सीईओ एंड फाउंडर कुणाल गुप्ता ने ऑनलाइन रिज्यूम मेकर सेवा के बारे में बताया।