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  4. Javed Akhtar said, Amitabh Bachchan is not made, he is born
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Last Modified: शनिवार, 21 जनवरी 2023 (00:15 IST)

अमिताभ बच्चन बनाए नहीं जाते, पैदा होते हैं : जावेद अख्तर

Amitabh Bachchan
जयपुर। बॉलीवुड के 'एंग्री यंग मैन' की प्रशंसा करने में कभी पीछे नहीं रहने वाले गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने शुक्रवार को कहा कि अमिताभ बच्चन जैसे अभिनेता बनाए नहीं जाते, बल्कि वे पैदा होते हैं।

जयपुर साहित्य उत्सव (जेएलएफ) के 16वें संस्करण में डॉक्यूमेंटरी फिल्म निर्माता नसरीन मुन्नी कबीर के साथ अपनी नई किताब ‘टॉकिंग लाइफ’ के बारे में बातचीत के दौरान अख्तर ने कहा कि बच्चन जैसे अभिनेता अपनी प्रतिभा के कारण महान हैं, इसलिए नहीं कि उन्हें किसी ने बनाया है।

वह इस धारणा के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि यह सलीम-जावेद (सलीम खान और जावेद अख्तर) की जोड़ी थी, जिन्होंने बच्चन को अपने द्वारा गढ़े गए पात्रों के माध्यम से लोकप्रिय बनाया, जिसमें ‘जंजीर’ (1973), ‘शोले’ (1975) और ‘त्रिशूल’ (1978) जैसी फिल्मों में अभिनेता द्वारा निभाई गईं भूमिकाएं शामिल हैं।
Javed Akhtar

उन्होंने कहा, जहां तक ​​‘एंग्री यंग मैन’ की बात है, तो वह छवि, वह किरदार 'जंजीर', 'दीवार', 'त्रिशूल' जैसी फिल्मों से आया, लेकिन मैं यह नहीं कहूंगा कि मैंने अमिताभ बच्चन को बनाया है। आप अमिताभ बच्चन नहीं बनाते, वे पैदा होते हैं और वे अपनी प्रतिभा के कारण महान हैं, इसलिए नहीं कि किसी ने उन्हें बनाया है।

बच्चन को एक 'असाधारण अभिनेता' करार देते हुए पटकथा लेखक ने कहा कि वह तीन सर्वश्रेष्ठ अभिनेताओं में से एक हैं, जिन्हें हिंदी सिनेमा ने देखा है। उनके अनुसार, दो अन्य अभिनेताओं में दिलीप कुमार और बलराज साहनी का नाम शामिल है।

बॉक्स ऑफिस पर बच्चन की पूर्व की असफलताओं के बारे में अख्तर ने कहा कि भले ही वह फिल्मों में काम कर रहे थे, लेकिन फिल्म उनके लिए काम नहीं कर रही थीं। पद्म श्री पुरस्कार विजेता ने कहा, कोई भी व्यक्ति जिसे अभिनय की थोड़ी भी समझ है, वह देख सकता है कि वह एक गलत फिल्म में काम करने वाला एक असाधारण अभिनेता है। पटकथा खराब है, या निर्देशन खराब है वगैरह... देखिए उन्होंने 'जंजीर', 'दीवार', 'शोले' या 'त्रिशूल' में किस तरह का प्रदर्शन किया है। ऐसा कौन कर सकता है?

उन्होंने साहित्य उत्सव से इतर सोशल मीडिया पर बॉलीवुड फिल्मों का बहिष्कार किए जाने की मुहिम से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि फिल्म देश के डीएनए में हैं और हमें भारतीय फिल्मों का सम्मान करना चाहिए।अख्तर ने भारतीय सिनेमा को दुनिया के सबसे मजबूत सद्भावना दूतों में से एक करार दिया।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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