लालू की सजा कम कराने की सिफारिश का आरोप, जालौन डीएम फंसे
लखनऊ। उत्तरप्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की सजा कम किए जाने के संबंध में जालौन के जिलाधिकारी (डीएम) की कथित सिफारिश के मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
जालौन के जिलाधिकारी मन्नान अख्तर पर यादव की सजा कम कराने की सिफारिश करने का आरोप लगा है। जांच झांसी के मंडलायुक्त अमित गुप्ता को सौंपी गई है। गुप्ता ने बताया कि उन्हें पता चला है कि बुधवार देर शाम राज्य सरकार ने जांच का आदेश उन्हें सौंपा है, लेकिन अभी तक उनके पास लिखित आदेश नहीं पहुंचा है। आदेश पहुंचते ही वह जांच शुरू कर देंगे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यादव को सजा सुनाने वाले न्यायाधीश जालौन के रहने वाले हैं इसीलिए यादव के लोगों ने जालौन के जिलाधिकारी से संपर्क किया था। इस बीच, जालौन के जिलाधिकारी मन्नान अख्तर ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उनकी इस सिलसिले में किसी से कोई बात नहीं हुई है। वह बिहार के रहने वाले नहीं हैं। वह मूलत: असम के हैं। उनकी न तो जज से बात हुई है और न किसी अन्य से। वह समझ नहीं पा रहे हैं कि उन पर इस तरह के आरोप कैसे लग गए।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं मालूम है कि सरकार ने इस संबंध में जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन उनसे यदि कुछ पूछा जाता है तो वह अपनी बात रखेंगे।
गौरतलब है कि राजद अध्यक्ष को रांची में सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के एक मामले में साढ़े तीन साल की सजा सुनाई है और दस लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। वह झारखंड की एक जेल में सजा काट रहे हैं। (वार्ता)