इंदौर की सिंगर Palak Muchhal ने अब तक बचाई 3000 मासूमों की जान
Indore singer Palak Muchhal: इंदौर की प्रसिद्ध गायिका पलक मुच्छल (Palak Muchhal) ने अब तक 3000 बच्चों की जान बचाई है। पलक बहुत छोटी उम्र से ही हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का इलाज करवा रही हैं। इंदौर के आलोक साहू की हार्ट सर्जरी के बाद इस तरह के बच्चों की संख्या बढ़कर 3 हजार हो गई है। उन्होंने एक्स पर लिखा- आलोक के लिए आपकी प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद। सर्जरी सक्सेसफुल रही है और अब वह बिल्कुल ठीक है।
अब तक 3000 सर्जरी : अपनी गायकी का जादू बिखेरनी वाली पलक 'पलक मुच्छल हार्ट फाउंडेशन' नाम से एक चैरिटी संस्था भी चलाती हैं। कौन तुझे..., ओ खुदा... , मेरी आशिकी..., सनम... और एक मुलाकात... जैस गानों के लिए मशहूर पलक प्लेबैक सिंगर हैं और बॉलीवुड की कई फिल्मों में अपनी आवाज दे चुकी हैं। बहुत छोटी उम्र से गाने की शुरुआत करने वाली पलक ने बच्चों की हार्ट सर्जरी का काम भी बहुत पहले ही शुरू कर दिया था। आलोक साहू की सर्जरी के साथ उनकी मदद से स्वस्थ होने वालों की बच्चों की संख्या बढ़कर 3000 हो गई है।
कई सम्मान मिले : पलक को विभिन्न अवॉर्डों से भी सम्मानित किया जा चुका है। उनका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है। मध्य प्रदेश के इंदौर में 30 मार्च 1992 को शहर के एक मध्यमवर्गीय माहेश्वरी मारवाड़ी परिवार में हुआ। पलक की शिक्षा क्वीन्स कॉलेज में हुई। पलक ने 1999 में कारगिल युद्ध के सैनिकों के लिए धन इकट्ठा करने के लिए एक सप्ताह तक घर-घर जाकर गाना गाया।
भाई पलाश भी करते हैं सहयोग : पलक मार्च 2000 से अपने छोटे भाई पलाश के साथ मिलकर दिल की बीमारियों से पीड़ित गरीब बच्चों की मदद कर रही हैं। उनके कार्य से प्रभावित होकर उन्हें कई संस्थाओं ने सम्मानित किया है। 2011 में फिल्म दमादम के लिए एक शीर्षक गीत के साथ बॉलीवुड में पार्श्व गायन की शुरुआत की थी। पलक हिन्दी, संस्कृत, गुजराती, ओडिया, असमिया, राजस्थानी, बंगाली, भोजपुरी, पंजाबी, मराठी, कन्नड़, तमिल, तेलुगू, सिंधी और मलयालम भाषा में गाने गा चुकी हैं।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala