रेलवे ने बचत के लिए बनाई यह योजना
ऊर्जा प्रौद्योगिकी एवं इंजीनियरिंग कंपनी जैक्सन ग्रुप ने डीजल संचालित रेलगाड़ियों में डिब्बों में पंखे और ट्यूबलाइट आदि बिजली के उपकरण चलाने के लिए सौर ऊर्जा पर आधारित नई प्रणाली शुरू की है। इसके लिए रेल डिब्बों की छतों पर सौर पैनल लगाया गया है।
कंपनी का दावा है कि इस प्रणाली से डीजल ट्रेन से होने वाले कार्बन उत्सर्जन में हर साल प्रति कोच 9 टन तक की कमी और 6 डिब्बों वाली डीईएमयू जैसी ट्रेन में सालाना लगभग 21,000 लीटर डीजल की बचत होगी। जैक्सन ग्रुप के अनुसार डीजल संचालित रेलगाड़ियों की छतों पर बैटरी स्टोरेज के साथ सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करने वाली पहली कंपनी बन गई है।
कंपनी की विज्ञप्ति के अनुसार पंखे और ट्यूबलाइट चलाने के लिए सौर प्रणाली के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में हर साल प्रति डिब्बे 9 टन की कमी लाने और 6 डिब्बों वाली प्रति ट्रेन में सालाना 21,000 लीटर डीजल की बचत करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा 25 वर्ष तक प्रति डिब्बे हर साल 2 लाख रुपए तक की बचत होगी।
गौरतलब है कि जैक्सन इंजीनियर्स लि. द्वारा सौर संचालित इस प्रणाली (होटल डिब्बा लोड सिस्टम) से युक्त रेलवे के 1600 एचपी डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (डीईएमयू) को रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने 14 जुलाई को नई दिल्ली के सफदरजंग स्टेशन से झंडी दिखाकर रवाना किया। यह ट्रेन दिल्ली के सराय रोहिल्ला से हरियाणा में फारुख नगर के गढ़ी हरसरू जंक्शन के बीच चलाई जा रही है।
इस बारे में जैक्सन इंजीनियर्स लि. के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संदीप गुप्ता ने कहा कि 90 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली रेलगाड़ियों की छतों पर सौर पैनल लगाना हमारी टीम की श्रेष्ठ इंजीनयरिंग का प्रमाण है। रेलवे के अपने सभी रेल डिब्बों में सौर ऊर्जा अपनाने से न केवल कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और लागत में बचत होगी बल्कि सौर ऊर्जा से जुड़ी कंपनियों के लिए भी बड़े अवसर पैदा होंगे। (भाषा)