Jharkhand Politics : झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अब से कुछ महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र की एक सुनियोजित साजिश के तहत उन्हें गिरफ्तार किया है। सोरेन को बुधवार रात मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। इससे पहले, उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
सोरेन ने शीर्ष अदालत में अपनी याचिका में, उनकी गिरफ्तारी को अवांछित, मनमाना और मूल अधिकारों का हनन करने वाला घोषित करने का उससे अनुरोध किया है। याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। इसमें उनकी तत्काल रिहाई का भी अनुरोध किया गया है।
सोरेन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला अवैध भूखंड रखने और भू-माफिया के साथ कथित सांठगांठ से संबंधित है।
याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी और इसके बाद की हिरासत को अवांछित, मनमाना और संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त मूल अधिकारों का हनन घोषित किया जाए तथा प्रतिवादी को याचिकाकर्ता को रिहा करने का निर्देश दिया जाए।
अपनी गिरफ्तारी का घटनाक्रम बताते हुए सोरेन (48) ने कहा कि उन्होंने ईडी द्वारा गिरफ्तारी से बचने के लिए 31 जनवरी को शीर्ष न्यायालय में एक याचिका दी थी।
उन्होंने कहा कि उनके वकीलों ने अवकाशकालीन उप रजिस्ट्रार के पास तत्काल सुनवाई के लिए उनकी याचिका का उल्लेख किया था और इसपर उन्हें बताया गया था कि गुरुवार को पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अदालत में अनुरोध किया जा सकता है।
याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता के वकील ने 31 जनवरी 2024 को रात नौ बजे भेजे गए एक ईमेल के जरिए प्रतिवादी संख्या 2 (प्रवर्तन निदेशालय) के अधिकारी को तत्काल उल्लेख के नतीजों की सूचना दी। यहां तक कि याचिकाकर्ता ने खुद इस बारे में प्रतिवादी संख्या 2 को जानकारी दी। यह अनुरोध किया गया कि प्रतिवादी संख्या 2 को सुप्रीम कोर्ट में कार्यवाही के नतीजों का इंतजार करना चाहिए।
याचिका के अनुसार, जानकारी देने के बावजूद ईडी ने मौजूदा रिट याचिका में हस्तक्षेप करने के इरादे के साथ उन्हें अवैध हिरासत में लिया।
सोरेन ने याचिका में कहा कि उन्हें राजभवन से गिरफ्तार किया गया जहां वह मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंपने गए थे और उनके साथ झामुमो एवं सहयोगी दलों के विधायक भी थे।
इसमें दावा किया गया है कि 31 जनवरी 2024 को रात करीब 10 बजकर 10 मिनट पर की गई याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी अवैध और दुर्भावनापूर्ण है तथा बिना अधिकारक्षेत्र के किया गया।
याचिका में कहा गया है कि सोरेन की गिरफ्तारी ने उनकी स्वतंत्रता पर रोक लगाई और याचिकाकर्ता के झामुमो के नेता रहने एवं उनके पार्टी के विपक्षी इंडिया गठबंधन का हिस्सा होने के कारण केंद्र सरकार के फरमान के तहत प्रतिवादी संख्या 2 के अधिकारियों ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया।
इसमें कहा गया है कि यह गिरफ्तारी एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है जिसे कुछ महीनों बाद होने वाले आम चुनावों से पहले अंजाम दिया गया।
सोरेन का आरोप है कि ईडी कार्रवाई केंद्र सरकार के इशारे पर हुई जिसका लक्ष्य लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई उनकी सरकार को गिराना है।
इसमें कहा गया है कि झामुमो नीत सत्तारूढ़ गठबंधन को 81 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 47 विधायकों का समर्थन प्राप्त है और उन्होंने चंपई सोरेन को अपना नेता चुना है जो याचिकाकर्ता के इस्तीफे के बाद राज्य के नये मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले हैं।
इस बीच, रांची में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री सोरेन को गुरुवार को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वकीलों ने यह जानकारी दी। ईडी ने सोरेन का 10 दिन का रिमांड मांगा था। अदालत ने अपना आदेश शुक्रवार के लिए सुरक्षित रख लिया। भाषा