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Last Modified: शनिवार, 15 अक्टूबर 2022 (23:46 IST)

यदि मैं सजा का पात्र हूं तो कैसे इतने दिनों से संवैधानिक पद पर बैठा हूं : हेमंत सोरेन

यदि मैं सजा का पात्र हूं तो कैसे इतने दिनों से संवैधानिक पद पर बैठा हूं : हेमंत सोरेन - Hemant Soren demands punishment
रांची। झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने दो टूक कहा कि यदि वे सजा के पात्र हैं तो कैसे इतने दिनों से संवैधानिक पद पर बैठे हैं, और यदि वे वास्तव में खनन पट्टा आवंटन मामले में अपराधी हैं तो उन्हें सजा दी जाए।
 
सोरेन ने कहा कि देश के इतिहास में ऐसा संभवतः पहली बार है कि ‘अपराधी’ बार-बार पूछ रहा है कि उसने क्या अपराध किया है, और यदि अपराध किया है तो उसकी सजा बता दें लेकिन उन्हें उनका अपराध न बताकर ही एक तरह से दंडित किया जा रहा है।
 
मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने आवास पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि उनकी सरकार के खिलाफ साजिश की जा रही है।
 
सोरेन ने कहा कि मेरे मामले में तो विचित्र स्थिति है। ‘अपराधी’ ही बार-बार कह रहा है कि बता दें, हमारा अपराध क्या है? मुझे मेरे किये की सजा बता दें। इसके लिए मैं स्वयं महामहिम राज्यपाल से मिला। मेरी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल महामहिम से मिला। लेकिन मुझे मेरा अपराध ही नहीं बताया जा रहा है।
 
उन्होंने पूछा कि यदि मैं सजा का पात्र हूं तो इतने दिनों से संवैधानिक पदों पर कैसे बैठा हूं । इसकी जिम्मेदारी किसकी है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि मुझे मेरा अपराध या उसकी सजा न बताकर एक तरह से सजा दी जा रही है। आज जो स्थिति है, मेरे लिए सजा से कम नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि विपक्ष नैतिकता के बड़े-बड़े सवाल उठा रहा है लेकिन उसे स्वयं इस मामले में अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
 
झारखंड में राजनीतिक अस्थिरता के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि ऐसी कोई अस्थिरता नहीं है। राज्य में सब कुछ सामान्य है। यह एक कृत्रिम बवंडर है।
 
उन्होंने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि यह भारत में पहली ऐसी घटना है, जिसमें मुख्यमंत्री चुनाव आयोग और राज्यपाल के दरवाजे पर जाते हैं और हाथ जोड़कर पूछते हैं कि उनकी सजा क्या होनी चाहिए?’’
 
सोरेन ने कहा, कि यह माहौल हमारे द्वारा नहीं बनाया गया है। यह हमारे प्रतिद्वंद्वियों द्वारा बनाया गया है। क्या आपने कभी किसी अपराधी को सजा की मांग करते देखा है । अगर मैं अपराधी हूं तो मुझे सजा दी जाए। 
 
मुख्यमंत्री ने यह बातें उस सीलबंद लिफाफे के संदर्भ में कहीं जो चुनाव आयोग की तरफ से झारखंड के राज्यपाल को भेजा गया था, लेकिन अब तक राज्यपाल ने उसके बारे में कोई बात उजागर नहीं की है।  भाषा Edited by Sudhir Sharma
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