भारी बारिश और बाढ़ से आंध्र के रायलसीमा क्षेत्र में भारी तबाही
-जेएसके श्रीनिवासाचार्य
पिछले एक सप्ताह में आंध्रप्रदेश में बाढ़ के कारण भारी तबाही हुई है। इसके चलते लाखों लोग विस्थापित हुए हैं, जबकि 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में संपत्ति को भी बहुत नुकसान हुआ। खासकर रायलसीमा क्षेत्र में चारों ओर तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है। बाढ़ से कडप्पा, तिरुपति और नेल्लोर जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।
अधिकारियों के मुताबिक बाढ़ और भारी से करीब 24 लाख लोग और 1 हजार 316 गांव में बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। बारिश और बाढ़ ने 1 हजार 549 घरों और 6.33 लाख एकड़ से अधिक भूमि की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। ताजा रिपोर्टों के मुताबिक चित्रावती, पापगनी और पेन्ना नदियों में हाल के उफान और लगातार बारिश स्थिति को और बिगाड़ सकती है।
2 लाख से ज्यादा लोग राहत शिविरों में : बाढ़ ने छोटी नदियों के बांध तोड़ दिए हैं। रायलसीमा जिलों में 250 से अधिक राहत शिविरों में 2 लाख से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं। कडप्पा, तिरुपति और नेल्लोर जिले बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित हैं। रायलसीमा क्षेत्र में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 50 के लगभग हो गई।
पुलापथुर गांव में चेयेरु नदी में बाढ़ के कारण 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि मंडपल्ली में 9 और गुंडलूर में 5 लोगों की मौत हो गई। मंडपल्ली में चेयेरू नदी में बाढ़ से दो परिवार पूरी तरह खत्म हो गए। कडप्पा के जिला कलेक्टर विजया रामा राजू के मुताबिक बांध टूटने कारण ज्यादा नुकसान हुआ। अभी भी करीब 600 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।
140 साल का टूटा रिकॉर्ड : आंध्र में पेन्ना नदी के जलग्रहण क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों में हुई अभूतपूर्व बारिश ने जल प्रवाह का 140 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक इस तरह का प्रवाह 140 साल बाद हो रहा है। आखिरी बार इतना प्रवाह 1882 में हुआ था। नेल्लोर बैराज से रिकॉर्ड 5.49 लाख क्यूसेक पानी बह चुका है।
राज्य के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने प्रभारी मंत्रियों और बाढ़ प्रभावित चित्तूर, कडप्पा और नेल्लोर जिलों के विधायकों को क्षेत्र में रहने और पुनर्वास और राहत कार्यों की निगरानी करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने भी हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया और एनडीआरएफ की टीमों के साथ बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की।
रेड्डी ने बाढ़ प्रभावित परिवारों को 25 किलो चावल, 1 किलो दाल, 1 किलो खाना पकाने का तेल, 1 किलो प्याज, 1 किलो आलू और 2000 रुपए प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे '104' हेल्पलाइन नंबर का व्यापक प्रचार करें और बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए तुरंत कार्रवाई करें।
पडुगुपाडु में रेलवे ट्रैक पर बाढ़ का पानी भरने से चेन्नई-विजयवाड़ा मार्ग पर कम से कम 17 एक्सप्रेस ट्रेनें रद्द कर दी गईं। तीन अन्य ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द या डायवर्ट किया गया।