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Last Updated : बुधवार, 3 मई 2023 (15:55 IST)

मुंबई में हुआ साइबर अपराधियों के गिरोह का भंडाफोड़, गिरोह के 4 सदस्य गिरफ्तार

मुंबई में हुआ साइबर अपराधियों के गिरोह का भंडाफोड़, गिरोह के 4 सदस्य गिरफ्तार - Gang of cyber criminals busted in Mumbai
मुंबई। मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने पुलिस अधिकारी बन देशभर के लोगों से ठगी करने वाले साइबर अपराधियों (cyber criminals) के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने गिरोह के गिरोह के सरगना के 4 सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है।
 
उन्होंने बताया कि मुंबई पुलिस ने इस गिरोह के सरगना श्रीनिवास राव डाडी (49) को भी गिरफ्तार कर लिया है, जो 12वीं पास है और अपने खाते से रोजाना 5 करोड़ रुपए से अधिक रकम का लेन-देन करता था। अधिकारी के मुताबिक, श्रीनिवास 12वीं कक्षा तक ही पढ़ा होने के बावजूद तकनीक का गहरा ज्ञान रखता है।
 
उन्होंने बताया कि बांगुर नगर पुलिस की एक टीम ने श्रीनिवास को हैदराबाद के एक आलीशान होटल से हिरासत में लिया। अधिकारी के अनुसार श्रीनिवास के साथ पुलिस ने उसके गिरोह के 4 और सदस्यों को गिरफ्तार किया, जिनमें से दो पड़ोसी शहर ठाणे और दो अन्य कोलकाता के रहने वाले हैं।
 
उन्होंने बताया कि श्रीनिवास रियल एस्टेट कारोबार चलाने की आड़ में काम करता था और सिर्फ टेलीग्राम ऐप के जरिए संवाद करता था। अधिकारी के मुताबिक पुलिस ने अभी तक श्रीनिवास के 40 बैंक खाते फ्रीज किए हैं और उसके पास से डेढ़ करोड़ रुपए नकद बरामद किए हैं।
 
साइबर अपराधियों के कामकाज के तौर तरीकों के बारे में अधिकारी ने कहा कि श्रीनिवास और उसके साथी पुलिसकर्मी बनकर लोगों, अधिकतर महिलाओं को कॉल करते थे और उनसे कहते थे कि अधिकारियों को उनके नाम से भेजे गए कूरियर में हथियार या मादक पदार्थ मिले हैं।
 
अधिकारी के अनुसार, इसके बाद वे लोगों से यह कहते हुए उनके बैंक खाते या आयकर संबंधी विवरण मांगते थे कि ए डेटा इस बात की पुष्टि करने के लिए जरूरी है कि उक्त कूरियर उनके द्वारा नहीं भेजा गया है। पुलिस उपायुक्त (जोन-11) अजय कुमार बंसल ने कहा कि ज्यादातर लोग फोन कॉल से डर जाते थे और अपने बैंक खाते या आयकर से संबंधित विवरण साझा कर देते थे।
 
उन्होंने बताया कि पीड़ित वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) भी साझा कर देते थे और कछ मामलों में तो एनीडेस्क जैसे ऐप डाउनलोड करके जालसाजों को अपने फोन तक पहुंच भी प्रदान कर देते थे। बंसल के मुताबिक अहम जानकारियां जुटाने के बाद जालसाल पीड़ित के बैंक खाते से जमा रकम उड़ा लेते थे। उन्होंने बताया कि श्रीनिवास और उसके गिरोह ने इस हथकंडे का इस्तेमाल कर देशभर में हजारों लोगों के साथ ठगी की।
 
बंसल के अनुसार गिरोह द्वारा उड़ाई गई सारी रकम श्रीनिवास के खाते में जाती थी। उन्होंने बताया कि श्रीनिवास के खाते से रोजाना 5 से दस करोड़ रुपए का लेन-देन होता था। बंसल के मुताबिक श्रीनिवास ठगी की रकम को क्रिप्टो मुद्रा में तब्दील कर एक चीनी नागरिक के पास स्थानांतरित कर देता था।
 
उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए मुंबई पुलिस की टीमें दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, झारखंड, हरियाणा और महाराष्ट्र के अन्य शहरों में है। बंसल ने कहा कि मामले में और गिरफ्तारियां संभव हैं।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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