चोटी काटने वाले की दहशत, कश्मीर में कर्फ्यू जैसे हालात
श्रीनगर। कश्मीर में चोटी कटने की घटनाओं के खिलाफ अलगाववादी संगठनों की ओर से बुलाई गई हड़ताल के मद्देनजर किसी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए यहां के पुराने इलाके, शहर खास तथा सिविल लाइन के कुछ इलाकों में सोमवार को कर्फ्यू जैसी पाबंदी लगाई गई।
हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज मौलवी उमर फारूख का गढ़ समझी जाने वाली ऐतिहासिक जामा मस्जिद का मुख्य द्वार आज बंद रहा। मस्जिद में लोगों को प्रवेश को रोकने के लिए बड़ी तादाद में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया।
पुलिस ने कहा कि एमआर गंज, नौहट्टा, खानयार, सफा कदल तथा रैनावाड़ी थाने के अंतर्नत आने वाले इलाकों में धारा 144 लगाई गई है। इसी प्रकार पुराने शहर करालकुल्द तथा मैसूमा में भी प्रतिबंध लगाया गया है।
हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धड़े तथा जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट की ओर से चोटी कटने की घटनाओं के खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया गया है। पिछले एक महीने में घाटी में दस से अधिक महिलाओं की चोटी कटने का मामला सामने आया है।
घाटी में रेल सेवा स्थगित : चोटी काटे जाने की घटनाओं के विरोध में अलगाववादियों के हड़ताल के आह्वान को देखते हुए कश्मीर घाटी में सोमवार को सुरक्षा कारणों से रेल सेवा को स्थगित कर दिया गया।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हमने पुलिस के परामर्श के बाद सुरक्षा कारणों से घाटी में चलने वाली सभी ट्रेनों को स्थगित कर दिया है। उन्होंने बताया कि उत्तर कश्मीर के बारामूला से लेकर मध्य कश्मीर के श्रीनगर-बडगाम के बीच सभी ट्रेनों को स्थगित कर दिया गया है। (एजेंसियां)