शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Chief Minister Shivraj Singh Chouhan will teach in school
Written By
Last Modified: रविवार, 5 जून 2022 (00:53 IST)

स्कूल में पढ़ाएंगे CM शिवराज, सरकारी स्कूल में 2 दिन बनेंगे शिक्षक

स्कूल में पढ़ाएंगे CM शिवराज, सरकारी स्कूल में 2 दिन बनेंगे शिक्षक - Chief Minister Shivraj Singh Chouhan will teach in school
भोपाल। मध्‍यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शिक्षक बनकर बच्चों को पढ़ाएंगे। सीएम राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे- 2021 (National Achievement Survey-2021) कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि अगर शिक्षा विभाग अनुमति देगा तो महीने दो बार मैं भी पढ़ाने स्कूल आऊंगा।

चौहान आज कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में लर्निंग्स फ्रॉम नेशनल अचीवमेंट सर्वे कार्यशाला का शुभारंभ कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नेशनल अचीवमेंट सर्वे प्रति तीन वर्ष में होता है। इसके पहले वर्ष 2017 में मध्यप्रदेश इस सर्वे में 17वें स्थान पर था।

मध्यप्रदेश आगामी सर्वे में अव्वल आने के लिए प्रयासरत रहेगा। समाज के जुड़ जाने से हर क्षेत्र में अच्छे परिणाम मिलते हैं। स्कूलों से समाज को जोड़ने के लिए भी अभियान की आवश्यकता है। नई शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन और शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए भी हम गंभीर हैं।

चौहान ने कार्यशाला के दौरान बच्चों में अनुशासन, परिश्रम, ईमानदारी के गुणों के विकास और अपने लिए ही नहीं सभी के लिए जीने वाले व्यक्ति के रूप में पहचाने जाने को जरूरी बताते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों को और समाज की विभिन्न संस्थाओं को शिक्षा से जुड़कर बच्चों के व्यक्तित्व को आकार देने के प्रयास करना चाहिए।

स्कूलों में हर महीने पालक-शिक्षक बैठक होना चाहिए। शिक्षक की भूमिका भी निभाने के लिए तैयार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरा भी माह में एक या दो बार स्कूल जाकर बच्चों को पढ़ाने का मन होता है। पूर्व में कक्षाओं में जाकर बच्चों से चर्चा की है।

चौहान ने कहा कि प्रदेश में नई शिक्षा नीति के अंतर्गत टॉस्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसमें निरंतर संवाद की प्रक्रिया जारी है। रैंकिंग व्यवस्था के माध्यम से श्रेष्ठ परफार्मेंस वाले शिक्षकों को पुरस्कृत और सम्मानित करने और एनसीसी जैसे संगठनों के माध्यम से विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास निरंतर होना चाहिए।
ये भी पढ़ें
हमने नीड़ छीन लिए, 'नीड' की उपेक्षा की... आखिर कैसे आएंगे पंछी...