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Last Updated : सोमवार, 30 जनवरी 2023 (12:11 IST)

गजनी और गोरी ने हिंदुओं की आस्था पर प्रहार किया, वही कार्य सपा प्रमुख अखिलेश कर रहे : भूपेंद्र सिंह चौधरी

गजनी और गोरी ने हिंदुओं की आस्था पर प्रहार किया, वही कार्य सपा प्रमुख अखिलेश कर रहे : भूपेंद्र सिंह चौधरी - Bhupendra Singh Chaudhary said on the controversial statement of Swami Prasad Maurya
लखनऊ। श्रीरामचरितमानस पर विवादित बयान देने के कुछ ही दिन के भीतर पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को समाजवादी पार्टी (सपा) में राष्‍ट्रीय महासचिव बनाए जाने के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर हमले तेज करते हुए उनकी तुलना मोहम्‍मद गजनी और मोहम्मद गोरी से की है।

भाजपा मुख्यालय से जारी एक बयान में इसके प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने रविवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनके इस फैसले से साबित हो गया है कि वे स्वामी प्रसाद मौर्य के हिन्दू आस्था और सनातन संस्कृति पर प्रहार करने वाले बयान के साथ हैं।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, सपा प्रमुख के कार्य मोहम्‍मद गजनी और मोहम्मद गोरी की याद दिलाते हैं। गजनी और गोरी ने बाहर से आकर सनातन संस्कृति और हिंदुओ की आस्था पर प्रहार किए, वही काम सपा प्रमुख यहां रहकर कर रहे हैं। महमूद गजनवी उर्फ गजनी और मोहम्मद गोरी विदेशी आक्रांता थे जिन्होंने भारत पर कई बार आक्रमण किए और मंदिरों में तोड़फोड़ एवं लूटपाट किया।

चौधरी ने कहा, सपा प्रमुख ने हिन्दुओं की आस्था व सनातन संस्कृति का अपमान और रामचरितमानस का अनादर करने के लिए राष्ट्रीय महामंत्री बनाकर स्वामी प्रसाद मौर्य को इनाम दिया है। सपा प्रमुख ने घृणित बयान देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को महामंत्री बनाकर हिन्दू सम्मान, स्वाभिमान और आस्था को चोट पहुंचाने के अपने इरादे साफ कर दिए हैं।

उल्लेखनीय है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने 22 जनवरी को एक बयान में श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई का जिक्र करते हुए इसे महिलाओं तथा पिछड़ों के प्रति अपमानजनक करार दिया था और इस पर पाबंदी लगाने की मांग की थी। उनके इस बयान पर खासा विवाद उत्पन्न हो गया था। संत समाज और हिन्दूवादी संगठनों ने भी इसका कड़ा विरोध किया था। इस संबंध में मौर्य के खिलाफ मामला भी दर्ज हुआ है।

श्रीरामचरितमानस को लेकर सपा के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान के बाद उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को अखिलेश यादव को चुनौती देते हुए कहा था कि वह स्पष्ट करें कि इस बयान का वे विरोध करते हैं या समर्थन, और अगर विरोध करते हैं तो उन्हें स्‍वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी से निष्कासित कर देना चाहिए।

उप मुख्‍यमंत्री की इस चुनौती के बाद सपा ने रविवार को अपनी 62 सदस्‍यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की, जिसमें स्‍वामी प्रसाद मौर्य को राष्‍ट्रीय महासचिव का दायित्व सौंपा गया। इसके बाद भाजपा का रुख और आक्रामक हो गया।

केशव प्रसाद मौर्य ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर सीधा निशाना साधते हुए रविवार को ट्वीट किया, मानसिक रूप से विक्षिप्त हो चुकी समाजवादी पार्टी ने अपना हिंदू विरोधी चरित्र उजागर कर दिया है, श्रीरामचरितमानस मानस को अपमानित करने वाले को सपा बहादुर अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय महासचिव बनाकर खुद सपा के ताबूत में आखिरी कील ठोक दी है। ‘विनाश काले विपरीत बुद्धि’।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी ने अपने बयान में यह भी कहा कि परशुराम मंदिर, यज्ञों में सहभागिता और संतों से मुलाकात सपा प्रमुख का ढोंग है। जनता उनका सच समझ चुकी है और एक बार फिर उन्हें उनके कृत्यों की सजा जनता देगी।

हालांकि श्रीरामचरितमानस पर टिप्पणी को लेकर विवादों में घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि धर्म के नाम पर आदिवासियों, दलितों-पिछड़ों और महिलाओं के अपमान की साजिश का वह विरोध करते रहेंगे। स्वामी मौर्य ने एक ट्वीट में कहा, धर्म की दुहाई देकर आदिवासियों, दलितों-पिछड़ों व महिलाओं को अपमानित किए जाने की साजिश का विरोध करता रहूंगा, जिस तरह कुत्तों के भौंकने से हाथी अपनी चाल नहीं बदलता, उसी प्रकार इनको सम्मान दिलाने तक मैं भी अपनी बात नहीं बदलूंगा।

उल्लेखनीय है कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) छोड़कर 2016 में भाजपा में शामिल हुए प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य पिछले साल हुए राज्य विधानसभा चुनाव से पहले सपा में शामिल हो गए थे। मौर्य ने कुशीनगर जिले की फाजिलनगर सीट से सपा से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए।

बाद में सपा ने उन्हें विधान परिषद का सदस्य बना दिया। श्रीरामचरितमानस पर स्वामी मौर्य का यह बयान आने के बाद सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव और विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक मनोज कुमार पांडेय समेत कई नेताओं ने असहमति जताई थी।

हालांकि मौर्य के समर्थन में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के कार्यकर्ताओं ने रविवार को कथित तौर पर ‘महिलाओं और दलितों पर आपत्तिजनक टिप्पणियों’ के उल्लेख वाले श्रीरामचरितमानस के ‘पन्ने’ की प्रतियां जलाईं।

अखिल भारतीय ओबीसी महासभा ने मौर्य के समर्थन में लखनऊ के वृंदावन योजना सेक्टर में ‘सांकेतिक’ विरोध प्रदर्शन करते हुए श्रीरामचरितमानस के पन्ने की प्रतियां जलाईं।

महासभा के पदाधिकारी देवेंद्र प्रताप यादव ने बताया, जैसा कि मीडिया के एक वर्ग में बताया गया है कि हमने श्रीरामचरितमानस की प्रतियां जलाई थीं, यह कहना गलत है। श्रीरामचरितमानस की आपत्तिजनक टिप्पणियों की फोटोकॉपी, जो ‘शूद्रों’ (दलितों) और महिलाओं के खिलाफ थीं और फोटोकॉपी पेज को सांकेतिक विरोध के रूप में जला दिया। फोटो सौजन्‍य : टि्वटर
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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