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Last Modified: बुधवार, 3 अप्रैल 2024 (11:44 IST)

महंगा पड़ा मुख्‍तार अंसारी का समर्थन, 2 पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज

mukhtar ansari
लखनऊ। माफिया से राजनेता बने दिवंगत पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के पक्ष में सोशल मीडिया पर टिप्पणी करना राजधानी लखनऊ और चंदौली जिलों में तैनात 2 पुलिसकर्मियों को खासा महंगा पड़ गया।
 
लखनऊ में बख्शी का तालाब थाने में तैनात सिपाही फैयाज खान ने रविवार को अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर अंसारी की हिमायत में कुछ टिप्पणियां की थीं। फैयाज ने विगत 28 मार्च को हुई उसकी मौत के कारणों को लेकर संदेह भी जताया था।
 
फैयाज की पोस्ट वायरल होने के बाद स्थानीय अधिकारियों ने उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे मौजूदा तैनाती से हटाकर पुलिस लाइन भेज दिया।
 
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण फैयाज के निलंबन के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी गई है।
 
उधर, चंदौली में पुलिस लाइन में तैनात एक अन्य कांस्टेबल आफताब आलम ने अपने फेसबुक अकाउंट पर अंसारी के पक्ष में लिखा और उसे मसीहा करार दिया।
 
चंदौली के अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार सिंह ने बताया कि सिपाही आफताब आलम ने ऐसा करके प्रदेश पुलिस की सोशल मीडिया नीति और राज्य सरकार के आचरण नियमों का उल्लंघन किया है। इस वजह से उसे पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया है और उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू की गई है।
 
बांदा जेल में बंद अंसारी की गत 28 मार्च को बांदा मेडिकल कॉलेज में हृदय गति रुकने से मौत हो गई थी। अंसारी के परिवार के सदस्यों ने उसकी मौत के कारणों पर संदेह जताते हुए दावा किया था कि उसे जेल के अंदर धीमा जहर दिया गया था। हालांकि प्रशासन ने इस आरोप को गलत बताया है।
Edited by : Nrapendra Gupta 
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