• Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. अन्य खेल
  3. पेरिस ओलंपिक 2024
  4. Arjun Babuta misses Bronze Medal by a whisker likewise preceding stalwarts
Written By WD Sports Desk
Last Updated : सोमवार, 29 जुलाई 2024 (18:49 IST)

मिल्खा, उषा, दीपा के बाद अब चौथे स्थान पर रहने की टीस सालती रहेगा अर्जुन को भी

Arjun Babuta
ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहने का दर्द क्या होता है कोई पीटी उषा, दीपा करमाकर या भारत की महिला हॉकी टीम से पूछे । अब इस सूची में एक नाम और जुड़ गया है निशानेबाज अर्जुन बबूता का जो पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफल में मामूली अंतर से कांसे से चूक गए ।

रोम ओलंपिक 1960 में फ्लाइंग सिख अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी रेस में सेकंड के दसवें हिस्से से चूके तो उड़नपरी पीटी उषा 1984 के लॉस एंजिलिस ओलंपिक में सेकंड के सौवें हिस्से से पदक नहीं जीत सकी ।

तोक्यो ओलंपिक में भारत की महिला हॉकी टीम तो रियो ओलंपिक में जिम्नास्ट दीपा करमाकर भी इतिहास रचने से चूक गए । इसी तरह बबूता आज पदक जीतने के करीब पहुंचने के बाद कुल 208.4 के स्कोर के साथ चौथे स्थान पर रहे।

आखिरी लम्हों में क्रोएशिया के मिरान मारिसिच के 10.7 के जवाब में उनका 9.5 का निशाना भारी पड़ गया ।
बबूता के चौथे स्थान ने उन भारतीय खेलों और खिलाड़ियों की यादें एक बार फिर ताजा कर दी जो ओलंपिक में पदक के बेहद करीब पहुंच कर इसे जीतने से चूक गये।

भारतीय फुटबॉल टीम की 1956 मेलबर्न ओलंपिक के कांस्य पदक मैच में हार

भारतीय फुटबॉल टीम ने क्वार्टर फाइनल में मेजबान ऑस्ट्रेलिया को 4-2 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। इस मैच में नेविल डिसूजा ओलंपिक में हैट्रिक गोल करने वाले पहले एशियाई बने थे।

नेविल ने सेमीफाइनल में यूगोस्लाविया के खिलाफ टीम को बढ़त दिला कर अपने प्रदर्शन को दोहराने की कोशिश की लेकिन यूगोस्लाविया ने दूसरे हाफ में जोरदार वापसी करते हुए मुकाबले को अपने पक्ष में कर लिया।

कांस्य पदक मुकाबले में भारत बुल्गारिया से 0-3 से हार गया।

मिल्खा सिंह रोम ओलंपिक, 1960 में सेकंड के 10वें हिस्से से चूके

महान धावक मिल्खा सिंह 400 मीटर फाइनल में पदक के दावेदार थे लेकिन वह सेकंड के 10वें हिस्से से कांस्य पदक जीतने से चूक गये।  मिल्खा को रेस के दौरान अपने प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी को देखने का खामियाजा भुगतना पड़ा था।

इस हार के बाद  ‘फ्लाइंग सिख’ ने खेल लगभग छोड़ ही दिया था। उन्होंने इसके बाद 1962 के एशियाई खेलों में दो स्वर्ण पदक जीते लेकिन ओलंपिक पदक चूकने की टिस हमेशा बरकरार रही।

महिला हॉकी टीम को मास्को ओलंपिक, 1980 और तोक्यो ओलंपिक 2020 में मिली निराशा

नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया और ग्रेट ब्रिटेन जैसे शीर्ष हॉकी देशों ने अफगानिस्तान पर तत्कालीन सोवियत संघ के आक्रमण पर मास्को खेलों का बहिष्कार किया था, भारतीय महिला हॉकी टीम के पास अपने पहले प्रयास में ही पदक जीतने का बड़ा मौका था।

टीम को हालांकि पदक से चूकने की निराशा का सामना करना पड़ा। टीम अपने आखिरी मैच में सोवियत संघ से 1-3 से हारकर चौथे स्थान पर रही।

मास्को खेलों के चार दशक के बाद भारतीय महिला हॉकी टीम को एक बार फिर करीब से पदक चूकने का दंस झेलना पड़ा। भारतीय टीम तीन बार की ओलंपिक चैम्पियन ऑस्टेलिया को हराकर सेमीफाइनल में पहुंची लेकिन उसे अंतिम चार मैच में अर्जेंटीना से 0-1 से हार का सामना करना पड़ा।

रानी रामपाल की अगुवाई वाली टीम को इसके बाद कांस्य पदक मैच में  ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ 3-2 की बढ़त को बरकरार नहीं रख सकी और 3-4 से हार गयी।

पीटी उषा लॉस एंजिलिस ओलंपिक, 1984 में सेकंड के सौवें हिस्से से पदक से चूकी

लॉस एंजिलिस ओलंपिक ने मिल्खा की रोम ओलंपिक की यादें फिर से ताजा कर दीं जब पीटी उषा 400 मीटर बाधा दौड़ में सेकंड के 100वें हिस्से से कांस्य पदक से चूक गईं। जिससे यह किसी भी प्रतियोगिता में किसी भारतीय एथलीट के लिए अब तक की सबसे करीबी चूक बन गई।

‘पय्योली एक्सप्रेस’ के नाम से मशहूर उषा रोमानिया की क्रिस्टीना कोजोकारू के बाद चौथे स्थान पर रहीं।

टेनिस में 2004 एथेंस ओलंपिक और 2016 में रियो ओलंपिक में भारत पदक से चूका

दिग्गज लिएंडर पेस और महेश भूपति की टेनिस में भारत की संभवतः सबसे महान युगल जोड़ी एथेंस खेलों में पुरुष युगल में पोडियम पर पहुंचने से चूक गई।

सेमीफाइनल में निकोलस किफर और रेनर शटलर की जर्मनी की जोड़ी से हार का सामना करने के बाद भारतीय जोड़ी कांस्य पदक मुकाबले में क्रोएशिया के मारियो एनसिक और इवान ल्युबिसिक से मैराथन मैच में 6-7, 6-4, 14-16 से हारकर कांस्य पदक से दूर हो गयी।

इसके 12 साल बाद रियो ओलंपिक में रोहन बोपन्ना और सानिया मिर्जा की मिश्रित युगल जोड़ी को भी कांस्य पदक मुकाबले में निराशा का सामना करना पड़ा था।

सानिया और बोपन्ना की मिश्रित युगल जोड़ी सेमीफाइनल में अमेरिका की वीनस विलियम्स और राजीव राम की जोड़ी की हारने के बाद कांस्य पदक मुकाबले में चेक गणराज्य की एल हादेका और रादेक स्टेपानेक की जोड़ी की चुनौती से निपटने में सफल नहीं रही।

निशानेबाज जॉयदीप करमाकर 2012 लंदन ओलंपिक में मिली निराशा

निशानेबाज जॉयदीप करमाकर ने पुरुषों की 50 मीटर राइफल प्रोन स्पर्धा के क्वालिफिकेशन राउंड में सातवें स्थान पर रहे थे और फाइनल में वह कांस्य पदक विजेता से सिर्फ 1.9 अंक पीछे रहे।

दीपा करमाकर 2016 रियो ओलंपिक में इतिहास नहीं रच सकीं

दीपा करमाकर ओलंपिक खेलों में प्रतिस्पर्धा करने वाली पहली भारतीय महिला जिमनास्ट बनीं। महिलाओं की वॉल्ट स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाने के बाद, वह महज 0.150 अंकों से कांस्य पदक से चूक गईं। उन्होंने 15.066 के स्कोर के साथ  चौथा स्थान हासिल किया।

अभिनव बिंद्रा 2016 रियो ओलंपिक में करियर का यादगार समापन में मामूली अंतर से विफल रहे

रियो ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा का शानदार करियर एक परीकथा जैसे समापन की ओर बढ़ रहा था, लेकिन वह भी मामूली अंतर से पदक जीतने से चूक गये। बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण जीतने वाले बिंद्रा कांस्य पदक से मामूली अंतर से पिछड़ गये।

अदिति अशोक तोक्यो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही

अदिति अशोक तोक्यो में ऐतिहासिक पदक जीतने से चूक गयी। विश्व रैंकिंग में 200 वें स्थान पर काबिज इस खिलाड़ी ने दुनिया की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को टक्कर दी लेकिन आखिरी दौर में बेहद मामूली अंतर से पदक नहीं जीत सकी। (भाषा)
ये भी पढ़ें
लक्ष्य सेन ने फिर ओलंपिक डेब्यू पर जीता पहला मैच, इस बार नहीं होगी जीत रद्द