ताप्ती माता की पूजा विधि एवं पूजन का शुभ मुहूर्त
13 जुलाई 2024 का शुभ मुहूर्त:-
प्रातः सन्ध्या : प्रात: काल 04:31 से 05:32 तक।
अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 11:59 से 12:54 तक।
अमृत काल स दोपहर 12:28 से 02:17 तक।
विजय मुहूर्त : दोपहर 02:45 से 03:40 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 07:20 से 07:40 तक।
सायाह्न सन्ध्या : शाम 07:21 से रात्रि 08:23 तक।
ताप्ती नदी का धार्मिक महत्व : पौराणिक ग्रंथों में ताप्ती नदी को सूर्यदेव की बेटी माना गया है। कहते हैं कि सूर्यदेव ने अपनी प्रचंड गर्मी से खुद को बचाने के लिए ताप्ती नदी को जन्म दिया था। तापी पुराण अनुसार किसी भी व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति दिलाई जा सकती है, यदि वह गंगा में स्नान करता है, नर्मदा को निहारता है और ताप्ती को याद करता है। ताप्ती नदी का महाभारत काल में भी उल्लेख मिलता है। ताप्ती नदी की महिमा की जानकारी स्कंद पुराण में मिलती है।
ताप्ती पूजा विधि:
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नदी के तट पर ही नदी स्नान करने के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करें।
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अब एक थाली में पूजन सामग्री लेकर नदी की पूजा करें।
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आटे के दीपक बनाकर उसमें बत्ती लगाकर उसे प्रज्वलित करें।
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अब हल्दी, कंकू, अक्षत, फूल और अन्य पूजन सामग्री माता को अर्पित करें।
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उसके बाद माता को नैवेद्य एवं भोग अर्पित करें।
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इसके बाद दीपक से उनकी आरती उतारें और प्रसाद वितरण करें।