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Last Modified: नई दिल्ली , मंगलवार, 30 जुलाई 2024 (20:01 IST)

बजट में हलवा समारोह, राहुल गांधी के आरोप पर क्या बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

नौकरियों को लेकर SBI की रिपोर्ट की हवाला

nirmala sitharaman
Nirmala Sitharaman Rahul Gandhi Budget Halwa Ceremony : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि हलवा समारोह बजट की तैयारी का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है और इसकी आलोचना इससे जुड़े कर्मचारियों का ‘अपमान करना’ है।
 
सीतारमण ने लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि हलवा समारोह उस समय से चल रहा है जब से वित्त मंत्रालय का प्रीटिंग प्रेस मिंटो रोड में हुआ करता था। हमारे देश में कोई भी अच्छा काम करने से पहले मुंह मीठा करने की परंपरा है। इसकी आलोचना करना बजट की तैयारियों से जुड़े कमर्मचारियों का मजाक उड़ाना और उनका अपमान करना है।
 
राहुल गांधी ने सोमवार को बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए दावा किया था कि 20 अधिकारियों ने देश का बजट बनाने का काम किया है, लेकिन इनमें से सिर्फ एक अल्पसंख्यक एवं एक ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) हैं और उनमें एक भी दलित एवं आदिवासी नहीं है।
 
इसके साथ ही राहुल ने बजट से पहले की हलवा रस्म का जिक्र करते हुए कहा था कि इस सरकार में दो-तीन प्रतिशत लोग ही हलवा तैयार कर रहे हैं और उतने ही लोग हलवा खा रहे हैं तथा शेष हिंदुस्तान को यह नहीं मिल रहा है।
rahul gandhi
सीतारमण ने इस आरोप के जवाब में कहा कि हलवा समारोह के बाद इससे जुड़े कर्मचारी बजट जारी नहीं होने तक बाहर नहीं आते हैं। पहले उन्हें नौ दिन और आठ रात अलग-थलग गुजारनी पड़ती थीं, लेकिन अब उन्हें पांच रात और चार दिन सबसे दूर रहना होता है। वे बजट के बाद ही बाहर आ पाते हैं। बजट की गोपनीयता के लिए ऐसा करना जरूरी होता है।
 
उन्होंने इस बजट की तैयारियों से जुड़ी चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि उप-प्रबंधक कुलदीप शर्मा पिता के निधन के बावजूद बजट तैयारियों में शामिल हुए और बाहर नहीं निकले। इसी तरह श्री सुभाष अपने बेटे का निधन होने के बाद भी बाहर नहीं आए। राहुल गांधी का बयान ऐसे कर्मचारियों का अपमान है।
 
हलवा समारोह को बजट दस्तावेज को अंतिम रूप देने का आखिरी चरण माना जाता है। यह केंद्र सरकार के बजट की तैयारी में शामिल वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को ‘अलग रखने’ की प्रक्रिया है। इस तरह वे कुछ दिनों के लिए बाहरी दुनिया से पूरी तरह अलग-थलग हो जाते हैं।
 
ये अधिकारी और कर्मचारी संसद में बजट पेश होने तक नॉर्थ ब्लॉक (वित्त मंत्रालय का दफ्तर) के ‘बेसमेंट’ में ही रहते हैं। वहां पर पूरी गोपनीयता रखी जाती है। वित्त मंत्री के लोकसभा में अपना बजट भाषण पूरा करने के बाद ही वे बाहर निकलते हैं।
नौकरियों को लेकर क्या दिया बयान : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि जुलाई 2024 में जारी SBI शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने 2014 और 2023 के बीच 12.5 करोड़ नौकरियों का सृजन हुआ जबकि यूपीए सरकार के 10 वर्षों के दौरान केवल 2.9 करोड़ नौकरियों का सृजन हुआ था। बेरोजगारी दर 2017-18 में 6% से घटकर 2022-23 में 3.2% के निचले स्तर पर आ गई है। 15-29 वर्ष की आयु वर्ग के लिए युवा बेरोजगारी 2017-18 में 17.8% से तेजी से घटकर 2022-23 में 10% हो गई है। इनपुट भाषा
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