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Last Updated :नई दिल्ली , मंगलवार, 11 जुलाई 2023 (16:48 IST)

Flood in Yamuna: दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से ऊपर, ओल्ड रेलवे ब्रिज यातायात के लिए बंद

Flood in Yamuna: दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से ऊपर, ओल्ड रेलवे ब्रिज यातायात के लिए बंद - Yamuna above the danger level in Delhi
Flood in Yamuna: दिल्ली में यमुना (Yamuna) का जलस्तर 206 मीटर के निशान को पार कर गया जिससे बाढ़ आशंकित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने का काम शुरू कर दिया गया। अधिकारियों ने मंगलवार को जानकारी दी कि 'ओल्ड रेलवे ब्रिज' (Old Railway Bridge) को सड़क व रेल यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।
 
दिल्ली में नदी का पानी अनुमान से पहले सोमवार शाम को खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया था। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के बाढ़-निगरानी मंच के अनुसार हरियाणा द्वारा यमुना नगर में हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में अधिक पानी छोड़े जाने के कारण सोमवार शाम 5 बजे ओल्ड रेलवे ब्रिज पर जलस्तर बढ़कर 205.4 मीटर हो गया था और मंगलवार सुबह 6 बजे तक ओल्ड रेलवे ब्रिज पर जलस्तर बढ़कर 206.38 मीटर पर पहुंच गया। इसके मंगलवार शाम तक 206.75 मीटर तक बढ़ने की आशंका है।
 
अधिकारियों के अनुसार एहतियातन ओल्ड रेलवे ब्रिज को सड़क व रेल यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने के कारण यमुना बाजार के निवासियों के घुटनों तक पानी से होकर गुजरने के वीडियो सोशल मीडिया पुर भी प्रसारित हुए। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में सोमवार को कहा था कि दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की आशंका नहीं है, लेकिन सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
 
केजरीवाल ने कहा था कि नदी के 206 मीटर के निशान को पार करते ही निचले इलाकों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया जाएगा। नदी में जलस्तर के 206 मीटर के 'निकासी स्तर' (इवेक्यूएशन मार्क) के पार जाते ही निचले इलाकों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया जाता है। पूर्वी दिल्ली जिले के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने के बाद सोमवार रात को वहां से लोगों को निकालना शुरू किया गया।
 
उन्होंने कहा कि केवल प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को ऊंचे स्थानों पर बने शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। सीडब्ल्यूसी के अनुसार हथिनीकुंड बैराज पर पानी का प्रवाह सुबह 10 बजे बढ़कर 3,44,035 क्यूसेक था, जो पूर्वाह्न 11 बजे बढ़कर 3,59,760 क्यूसेक हो गया। आमतौर पर बैराज पर पानी की प्रवाह दर 352 क्यूसेक रहता है, लेकिन जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण इसका प्रवाह बढ़ जाता है। 1 क्यूसेक 28.32 लीटर प्रति सेकंड के बराबर होता है। बैराज से पानी दिल्ली पहुंचने में करीब 2 से 3 दिन लग जाते हैं।
 
दिल्ली सरकार ने मूसलधार बारिश के कारण सोमवार को सभी स्कूलों को बंद रखने की घोषणा की थी और सरकारी अधिकारियों की रविवार की छुट्टी रद्द करते हुए उन्हें ड्यूटी पर रहने का निर्देश दिया था। अधिकारियों से सतर्क रहने और संवेदनशील क्षेत्रों में आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है। इसके अलावा त्वरित प्रतिक्रिया दल और नौकाएं तैनात की गई हैं।
 
दिल्ली सरकार ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों और यमुना के जलस्तर की निगरानी के लिए एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष सहित 16 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। बचाव एवं राहत कार्यों के लिए 50 से अधिक मोटर चलित नौकाओं को तैनात किया गया है और गोताखोरी तथा चिकित्सकीय दलों को सभी आवश्यक सामग्रियों व उपकरणों के साथ तैयार रख गया है।
 
यमुना नदी प्रणाली के जलग्रहण क्षेत्र में उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश और दिल्ली के कुछ हिस्से शामिल हैं। युमना नदी का जलस्तर पिछले साल सितंबर में 2 बार खतरे के निशान को पार गया था। उत्तर-पश्चिम भारत में पिछले 3 दिन से लगातार बारिश हो रही है। जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के कई इलाकों में 'भारी से अत्यधिक भारी' वर्षा दर्ज की गई है। इससे नदियां, नाले उफान पर हैं और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व पंजाब में बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है तथा आवश्यक सेवाएं प्रभावित हुई हैं।
 
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक दिल्ली में रविवार सुबह 8.30 बजे तक पिछले 24 घंटे की अवधि में 153 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की गई, जो 1982 के बाद से जुलाई में 1 दिन में हुई सर्वाधिक बारिश है। राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार सुबह 8.30 बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में 107 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी।(भाषा) (फोटो सौजन्य : यूएनआई)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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